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सुभारती विश्विद्यालय के फैशन डिजाइन विभाग द्वारा हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी-सह-बिक्री का आयोजन


मेरठ - 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सप्ताहव्यापी उत्सव के अंतर्गत, फैशन एवं वस्त्र डिज़ाइन विभाग द्वारा भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत को सम्मानित करने एवं बढ़ावा देने हेतु एक भव्य *प्रदर्शनी-सह-बिक्री** का आयोजन किया गया। चार दिवसीय सफल कार्यशाला एवं पांचवें दिन आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के बाद, छठे दिन आयोजित इस प्रदर्शनी को गणमान्य अतिथियों, फैकल्टी, छात्रों एवं आगंतुकों से भरपूर सराहना प्राप्त हुई। यह प्रदर्शनी सातवें दिन भी जारी रहेगी, जिससे अधिक लोगों को भारत की हथकरघा कला से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।

इस प्रदर्शनी का उद्घाटन **स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय** की मुख्य कार्यकारी अधिकारी **प्रो. (डॉ.) शाल्या राज** जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर **नंदलाल बोस सुभारती कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स एंड फैशन डिज़ाइन** के डीन एवं प्राचार्य **प्रो. (डॉ.) पिंटू मिश्रा**, **सुभारती डिफेंस अकादमी** के निदेशक **कर्नल राजेश त्यागी** एवं विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी **कर्नल असीम कुक्रेजा** जी की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिससे कार्यक्रम को विशेष सम्मान प्राप्त हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति **प्रो. (डॉ.) पी.के. शर्मा** जी ने इस आयोजन के लिए विभाग एवं विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद प्रेषित किए।

**फैशन एवं वस्त्र डिज़ाइन विभाग** की विभागाध्यक्ष **डॉ. नेहा सिंह** ने इस कार्यक्रम के शैक्षिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि छात्रों को कारीगरों से सीधा संवाद एवं पारंपरिक हथकरघा तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ। प्रदर्शनी में प्रदर्शित वस्त्रों की विविधता, सामग्री एवं नवीन डिज़ाइनों की विशेष सराहना की गई।

गणमान्य अतिथियों एवं विभिन्न विभागों के फैकल्टी सदस्यों ने छात्रों एवं कारीगरों को भारत की समृद्ध वस्त्र एवं हस्तशिल्प परंपराओं को संरक्षित एवं बढ़ावा देने हेतु प्रेरित किया। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें **ब्लॉक प्रिंटिंग**, **टाई एंड डाई** एवं **हैंड पेंटिंग** जैसी पारंपरिक तकनीकों का जीवंत प्रदर्शन भी किया गया, जिससे आगंतुकों को इन विधाओं की बारीकियों को देखने का अवसर मिला।

इस अवसर पर एक विशेष क्षण **"द फ्यूचर ऑफ फैशन: इनोवेशंस एंड ट्रेंड्स शेपिंग द इंडस्ट्री"** नामक पाठ्यपुस्तक का विमोचन भी रहा। यह पुस्तक **डॉ. नेहा सिंह, डॉ. पूजा, डॉ. रशिका कश्यप** एवं **सुश्री निधि यादव** के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है, जो वैश्विक फैशन उद्योग में हो रहे नवीनतम परिवर्तनों पर शोध आधारित दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।

यह प्रदर्शनी न केवल छात्रों को अपने हथकरघा-आधारित डिज़ाइनों को प्रदर्शित एवं विक्रय करने का मंच प्रदान करती है, बल्कि पारंपरिक कारीगरों एवं नवोदित डिज़ाइनरों के मध्य एक रचनात्मक संवाद एवं सांस्कृतिक सहयोग को भी प्रोत्साहित करती है।

विभाग, इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में योगदान देने वाले फैकल्टी सदस्यों **सुश्री श्रद्धा यादव, डॉ. अर्पणा कंबोज, डॉ. रशिका कश्यप, सुश्री शैलजा सिंधाय, सुश्री अनीषा आनंद, डॉ. सुरभि दास, सुश्री अभिलाषा, सुश्री मोनिका, सुश्री शबनम शब्बीर** एवं **श्री राघवेंद्र मोहन पाठक** को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करता है।

साथ ही **डॉ. विधि खंडेलवाल, डॉ. सोनल भारद्वाज, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. आशीष कुमार मिश्रा, डॉ. सनी शर्मा, डॉ. पवनेंद्र तिवारी, डॉ. वंदना तोमर, श्री कृष्ण कुमार, सुश्री प्रियांका, श्री लकी त्यागी, सुश्री तमन्ना** एवं **श्री लक्षय** की उपस्थिति एवं प्रोत्साहन के लिए भी विभाग आभार व्यक्त करता है।
यह प्रदर्शनी भारतीय हथकरघा की कालातीत कारीगरी को समर्पित एक गौरवपूर्ण श्रद्धांजलि है, जो रचनात्मकता, परंपरा एवं सांस्कृतिक गौरव का उत्सव मनाते हुए भारतीय वस्त्र धरोहर की विरासत को उजागर करती है।

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