logo

सरकारी अस्पताल सापोटरा में ताले में बंद सोनोग्राफी रूम! मरीजों को हो रही परेशानी

सापोटरा (करौली), राजस्थान:
एक ओर राज्य सरकार "निःशुल्क जांच योजना" और "जनस्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तीकरण" के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है।
सापोटरा के सरकारी अस्पताल में स्थित सोनोग्राफी रूम अधिकांश समय ताले में बंद रहता है, जिससे दूर-दराज़ से आए मरीजों और गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

"जब मन किया तब खोला, जब मन किया बंद कर चले गए"

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अस्पताल में कोई तय समय व्यवस्था नहीं है। कर्मचारी अपनी मर्जी से सोनोग्राफी रूम खोलते हैं और फिर ताला लगाकर चले जाते हैं। इससे कई बार घंटों इंतजार करने के बाद भी मरीजों को बिना जांच के लौटना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं, आपातकालीन रोगियों और वृद्ध जनों को सबसे अधिक मुश्किलें हो रही हैं।

मरीजों को मजबूरी में जाना पड़ता है प्राइवेट क्लिनिक

सरकारी सुविधा ना मिलने के कारण गरीब तबके के लोगों को महंगे प्राइवेट सोनोग्राफी सेंटरों की ओर रुख करना पड़ता है, जहां 700 से 1200 रुपये तक वसूले जाते हैं। यह आर्थिक बोझ उन परिवारों पर और भी भारी पड़ता है जो पहले से ही आर्थिक संकट में हैं।
क्षेत्र की जनता अब माननीय विधायक महोदय और जिला कलेक्टर से गुहार लगा रही है कि इस लापरवाही का तुरंत संज्ञान लिया जाए।

सोनोग्राफी रूम के संचालन का नियमित टाइम टेबल सार्वजनिक किया जाए।

जो कर्मचारी अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभा रहे, उन पर सख्त कार्रवाई हो।

अस्पताल में मरीजों की सेवा को प्राथमिकता दी जाए, ना कि ताले और तिथि की मर्जी से।

8
403 views