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सितंबर 1752 का कैलेंडर

ख़ास रिपोर्ट: सप्तंबर 1752 – जब कैलेंडर से गायब हो गए 11 दिन

हेडलाइन्स:

**2 सितंबर के बाद 14 सितंबर आया!**

ब्रिटेन ने 11 दिन के ‘समय-सुधार’ के लिए कैलेंडर बदला

धरती का समय नहीं रुका—निवासी बीच में गुम हुए दिन भूल गए?

“Give us our Eleven Days”! नारे मिथक, वास्तविक आंदोलन नहीं



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📅 कैलेंडर रिव्यू: सितंबर 1752 की अनोखी तारीखें

सप्तंबर 1752 का वह महीना इतिहास में इसलिए यादगार हो गया क्योंकि ब्रिटेन ने अपने पारंपरिक जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया। इसमें:

2 सितंबर 1752 के अगले दिन 14 सितंबर 1752 आया,

यानी 3 से 13 सितंबर तक की तिथियाँ कैलेंडर से हटा दी गईं।


कैलेंडर की इस अदला‑बदली से पूरे 11 दिन गायब हो गए — और यही ख़ास बात थी!


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🧐 क्या पूरी पृथ्वी का समय रुक गया था?

❌— नहीं।

यह कोई भौतिक घटना नहीं थी, बल्कि कैलेंडर गणना सुधार था:

जूलियन कैलेंडर हर 128 साल में लगभग 1-दिन पीछे रह जाता था।

ग्रेगोरियन कैलेंडर में leap year की गिनती को सुधारा गया, जिससे काल गणना अधिक सटीक हुई।

इसलिए 3 से 13 सितंबर तक की तारीखें हटाकर ग्रेगोरियन कैलेंडर में समय की असंगतियां दूर की गईं।


इसलिए धरती का समय रुका नहीं — केवल तनिक गणना में सुधार किया गया।


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📣 मिथक बन गया "Give us our eleven days" स्लोगन

कुछ लोग मानते थे कि 11 दिन उनकी जिंदगी से गायब हो गए — जिससे उनका जीवन छोटा हो गया। पर अधिकांश इतिहासकारों के अनुसार व्यापक विरोध मार्च या दंगा नहीं हुआ था।

ये विश्वास मुख्यतः विलियम होगार्थ की पेंटिंग An Election Entertainment से प्रेरित माना जाता है, जिसमें "Give us our Eleven Days" लिखा हुआ है। इसे बाद में प्रपोगैंडा के रूप में देखा गया।



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🧾 विशेष तथ्य सारांश

पहलू विवरण

🗓️ तारीखें 2 Sep 1752 के बाद सीधे 14 Sep 1752
🗓️ गायब दिन 3–13 सितंबर (11 दिन)
❓ समय रुका? नहीं — केवल कैलेंडर में समायोजन
🙋 मिथक मनीलोगों का विरोध, “Give us our Eleven Days”
📜 उद्देश्य खगोलीय सटीकता व अन्य देशों से मेल



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📌 निष्कर्ष:

"सप्टेंबर सत्रसो भामन का कैलेंडर" वास्तव में खगोलीय सुधार का प्रतीक है — वह महीना जब कैलेंडर से 11 दिन गायब कर दिये गए, लेकिन पृथ्वी या समय की गति में कोई परिवर्तन नहीं आया

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