
अब संविदा कर्मचारियों को मिलेगी पेंशन, भत्ता और परमानेंट नौकरी – सुप्रीम कोर्ट का आदेश Contract Employees Regularization
August 2, 2025 by Shweta Tyagi
Contract Employees Regularization
भारत में लाखों कर्मचारी सालों से संविदा (Contract) पर काम कर रहे हैं। ये लोग सरकारी विभागों में पूरी मेहनत से काम करते हैं, लेकिन उन्हें ना तो स्थायी कर्मचारियों जैसी सुरक्षा मिलती है और ना ही वेतन-भत्तों में बराबरी का अधिकार। मगर अब इनके लिए एक राहत की खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जो उनके भविष्य को रोशन कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश आया सामने
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण यानी स्थायीकरण को लेकर सरकारों को निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि जो कर्मचारी पिछले कई वर्षों से संविदा पर सरकारी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें अब स्थायी पदों पर नियुक्त किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश न सिर्फ संविदा कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि राज्यों की सरकारों को भी स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अब समय आ गया है कि इन कर्मचारियों को उनका हक दिया जाए।
*10 साल से अधिक काम करने वालों को सबसे पहले फायदा*
कोर्ट के इस फैसले में यह भी बताया गया है कि वे कर्मचारी जिन्होंने 10 साल या उससे ज्यादा समय तक संविदा पर काम किया है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्थायी किया जाए। इसका मतलब ये हुआ कि जो कर्मचारी बरसों से नौकरी में टिके हुए हैं और लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उनके लिए अब सरकारी कर्मचारी बनने का सपना पूरा हो सकता है। इसके साथ ही अब उन्हें भी स्थायी कर्मचारियों की तरह वेतन, भत्ता, छुट्टी और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी।
सरकार पर बढ़ेगा खर्च, फिर भी लिया गया बड़ा फैसला
संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने से सरकार पर आर्थिक बोझ जरूर बढ़ेगा। हर राज्य को अपने-अपने बजट में इसका असर झेलना पड़ेगा क्योंकि अब उन्हें नियमित वेतन और लाभ देने होंगे। फिर भी सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी साफ है – जब कोई कर्मचारी सालों तक मेहनत करता है, तो उसे उसके अधिकार मिलने चाहिए। यह कदम कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।
*राजस्थान सरकार की नीतियों में आई तेजी*
राजस्थान सरकार ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर पहले ही कुछ कदम उठाए थे। साल 2022 में राज्य सरकार ने ‘कंस्ट्रक्शन टू सिविल पोस्ट रूल 2022’ नाम की नीति बनाई थी, जिसमें संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने का तरीका बताया गया था। लेकिन कई बार वित्त विभाग की सख्ती और कार्यान्वयन की कमी के कारण यह नीति पूरी तरह लागू नहीं हो सकी। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दे दिया है, तो इस नीति के तहत कर्मचारियों को स्थायी करना अनिवार्य हो गया है।
*कोर्ट की दोहरी मुहर से पक्का हुआ फैसला*
राजस्थान हाईकोर्ट ने भी पहले इस दिशा में सरकार को निर्देश दिए थे, लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने भी यही बात दोहराई है, तो इस फैसले में और भी मजबूती आ गई है। कोर्ट ने कहा है कि जो संविदा कर्मचारी सालों से ईमानदारी से सेवा दे रहे हैं, उन्हें अब भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्हें भी स्थायी कर्मचारियों जैसी ही सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि वे बिना असुरक्षा के काम कर सकें। गया है।
- विनोद कुमार राजपूत