एटा से आगरा..
एटा
ये भाई है श्याम शास्त्री जी शनिवार को एटा से आगरा अपनी पत्नी को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जा रहे थे रास्ते में कावड़ियों के हुड़दंग और रास्ते में लगाए जाम ने एम्बुलेंस को निकलने नहीं दिया जब तक एम्बुलेंस निकली तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिस कारण समय से अस्पताल नहीं पहुंच सके और उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई।
क्या गुजर रही है उस परिवार पर जिसने अपने घर की बहु, पत्नी और उस नवजात शिशु ने अपनी मां खो दिया जिसने जीवन का पहला पृष्ठ तक नहीं देखा।
किसी भी धर्म में आस्था रखना व्यक्ति की स्वतंत्रता है लेकिन आस्था के नाम पर बीच सड़कों पर ऐसा जाम लगाना, तोड़ फोड़ करना, आतंक मचाना, कोई आस्था नहीं एक मूर्खता है। शायद एम्बुलेंस समय से अस्पताल पहुंच जाती तो बहन की जान बच सकती थी,
शोकाकुल परिवार को संवेदना तथागत के शील इस दुःख की खड़ी से लड़ने का साहस दें... 😥😥😥