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छांगुर गिरोह के बदर पर मुकदमा दर्ज नहीं करने वाले इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान पर ग‍िरी गाज, क‍िए गए सस्‍पेंड

बलरामपुर में हिंदू युवतियों के मतांतरण के आरोपी छांगुर गिरोह के बदर अख्तर सिद्दीकी के खिलाफ आशा नेगी अपहरण मामले में मुकदमा दर्ज नहीं करने पर इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। अब्दुल रहमान उस समय सिविल लाइन थाने के प्रभारी थे और बाद में गाजियाबाद स्थानांतरित हो गए थे जहां वे क्राइम ब्रांच के प्रभारी थे।बलरामपुर में हिंदू युवतियों का मतांतरण कराने के आरोपी छांगुर गिरोह के बदर अख्तर सिद्दीकी के खिलाफ आशा नेगी अपहरण कांड में छह साल पहले मुकदमा दर्ज नहीं करने पर इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। उस समय अब्दुल रहमान सिविल लाइन थाने के प्रभारी थे। मेरठ से उनका स्थानांतरण गाजियाबाद कमिश्नरी में हो गया था। वहां फिलहाल क्राइम ब्रांच प्रभारी थे।सरूरपुर थानाक्षेत्र के गांव निवासी प्रिया सात वर्ष पूर्व नोएडा में रहकर एयर होस्टेस की पढ़ाई कर रही थी। वहां लिसाड़ीगेट थानाक्षेत्र के किदवई नगर इस्लामाबाद निवासी बदर अख्तर सिद्दीकी से उसकी दोस्ती हो गई थी। बदर ने छात्रा को प्रेमजाल मे फंसाया था। 2019 में बदर अख्तर सिद्दीकी के खिलाफ सरूरपुर थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था।इसके बाद भी प्रिया का कोई पता नहीं लग सका। हाल में छांगुर बाबा के पकड़े जाने पर उसके गिरोह के सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी का नाम प्रकाश में आया है। बदर का नाम उजागर होने पर पांडव नगर के परिवार ने भी बेटी आशा नेगी को अगवा कर मतांतरण कराने का आरोप बदर अख्तर पर लगाया है।आशा नेगी के भाई ने बताया कि 2009 में मेरठ के एक काल सेंटर में नौकरी करने के दौरान वह बदर अख्तर के संपर्क में आई थी। उसके बाद दिल्ली हाईवे स्थित एक मेडिकल कालेज में नौकरी शुरू की। 2015 में नोएडा के एक मीडिया ग्रुप में नौकरी करने लगी। भाई ने बताया कि बदर अख्तर ने उसका मतांतरण कराया था 2018 में बजाज फाइनेंस कंपनी के कुछ कर्मचारी घर आए थे। उन्होंने बताया था कि आशा नेगी के नाम से क्रेडिट कार्ड पर एलइडी ली गई है। जून 2018 में आशा नेगी से अंतिम बार फोन पर बात हुई थी। उसके बाद उसने वाट्सएप मैसेज पर बताया था कि बदर दूसरी लड़की से प्यार करने लगा है, जो उसकी हत्या की धमकी दे रहा है। 2019 में आशा का परिवार सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था। तब सिविल लाइन थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दकी ने मामला नोएडा का बताकर मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया था। उसके बाद अब्दुल रहमान सिद्दीकी का स्थानांतरण गाजियाबाद में हो गया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि छांगुर बाबा गिरोह से इंस्पेक्टर की मिलीभगत है। जांच में इंस्पेक्टर की लापरवाही उजागर होने के बाद गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड़ ने उसे निलंबित कर दिया

हिंदू युवतियों का मतांतरण कराने का आरोपी छांगुर। - फाइल फोटो

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