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जिसको राखे साइयां, मार सके ना कोय। जाल शिकारी बुनिया ऐसा, फंस गया किधरे कोय।।

होशियारपुर: 23 जुलाई,2025 (बूटा ठाकुर गढ़शंकर)
आज की तारीख में पंजाब का माहौल इस कदर भैयभीत और ख़राब हो चुका है जैसे दशकों पहले पूरे देश में बॉम्ब धमाके हुआ करते थे कब कहां धमाका हो जाए पता नहीं चलता था। ठीक उसी तरह अब पंजाब में गैंगस्टर वाद और गोली कांड पूरे एक्शन में हो चुका है। कब कहां और कैसे किसी का कतल हो जाए कोई खबर नहीं होती।
ताज़ा गोली कांड का मामला कोटकपूरे के नजदीकी गांव बाह्मणवाला का है जहां एक शख्स बे मतलब ही गोलियों का शिकार हो गया। हुआ यूं कि उक्त गांव के दिवंगत नंबरदार गुलज़ार सिंह की अंतिम अरदास का आयोजन नज़दीक पड़ते गांव ढाब गुरु की गुरुद्वारा साहिब की हजूरी में चल रहा था। मृतक का नाती (दोहत्रा) जीवनजोत सिंह पुत्र जगमेल सिंह वासी मोहाली भी अपने पिता के साथ अपने नाना की अंतिम अरदास में शामिल होने वहां पहुंचा था। उसे कुछ खबर नहीं थी कि मौत उसका छाया बनकर आगे पीछे मंडरा रही है। दरसल हमलावरों ने उसे मारने की स्टीक योजना पहले से ही बना रखी थी।
पर कहते हैं ना कि जिसको राखे साइयां,मार सके ना कोय। गुरु साहेबान की यह बाणी शत प्रतिशत सिद्ध हुई, कुदरत ने जीवन जोत का दिमाग़ ही बदल दिया, अंतिम अरदास की पूरी कार्य विधि से निवृत हो कर वह अपनी गाड़ी ना बैठ कर किसी दूसरी गाड़ी में सवार हो कर निकल गया। जबकि उसकी अपनी गाड़ी में उसके पिता जगमेल सिंह बैठ गया और ड्राइवर यादविंदर सिंह वासी फतेहगढ़ जो मौत से बिलकुल बे ख़बर था गाड़ी चलाते हुए जब वह बाहमनवाला गांव की फिरनी पर पहुंचा तो पीछा कर रहे मोटरसाइकिल पर सवार तीन हमलावरों ने जीवन जोत समझकर इंडेवर गाड़ी पर गोलियों की बुछार करदी जिसमें से एक गोली ड्राइवर यादविंदर के सिर में लग गई और मौके पर ही बे मौत दम तोड़ गया। जबकि साथ में बैठा जगमेल सिंह साफ साफ बच गया। शिकारी ऐसा जाल बिछाया फंस गया किधरे कोय।

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