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रक्सौल में 'तीन मनीष', एक विश्वास! संजोग या संकल्प? शहर में व्यवस्था परिवर्तन की नई उम्मीदें

रक्सौल,Bihar Crime News
रक्सौल शहर इन दिनों एक अनोखे संयोग की चर्चा में है। यहां नगर परिषद पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) और पुलिस उपाधीक्षक (एसडीपीओ) – तीनों अफसरों का नाम मनीष कुमार है। सावन के शुभ महीने में मिली यह "त्रिमूर्ति" तैनाती लोगों में न सिर्फ कौतूहल का विषय बनी है, बल्कि उम्मीदों का नया दीप भी जला रही है।

"तीन मनीष" = कानून, प्रशासन और विकास की नई ताकत?

रक्सौल में अब प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने वाले हैं:

मनीष कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी (नगर परिषद)

मनीष कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी (SDM)

मनीष आनंद, पुलिस उपाधीक्षक (SDPO)

तीनों के नाम भले एक जैसे हों, लेकिन विभागीय कार्य और ज़िम्मेदारियाँ अलग-अलग हैं – जिनके बीच सामंजस्य से रक्सौल की तस्वीर बदली जा सकती है।

सोशल मीडिया पर छाया ट्रेंड – #तीन_मनीष_एक_विश्वास

शहर के युवा, व्यापारी और आमजन सोशल मीडिया पर इस मेल को "संयोग नहीं, बदलाव की शुरुआत" बता रहे हैं।
लोगों का कहना है कि –

> “अब प्रशासन में एक नई ऊर्जा दिख रही है। तस्करी, भ्रष्टाचार, दलाली और नशाखोरी जैसे मुद्दों पर सख्ती की उम्मीद की जा रही है।”

क्या यह ‘त्रिदेव’ रक्सौल को दिलाएगा नई पहचान?
सावन के पावन महीने में जब बदलाव की बयार बही है, तब यह ‘मनीष त्रिदेव’ शहर को साफ-सुथरे प्रशासन, बेहतर कनेक्टिविटी और कड़ी निगरानी वाली व्यवस्था की सौगात दे सकता है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि –

> “यह केवल नाम का मेल नहीं, नियति का इशारा है। अगर तीनों अधिकारी मिलकर ईमानदारी से काम करें, तो रक्सौल का भाग्य बदल सकता है।”

अब नजरें हैं प्रशासनिक फैसलों और ज़मीनी कार्रवाई पर।
क्या ‘तीन मनीष’ मिलकर रक्सौल को दे पाएंगे एक नई पहचान?
जवाब समय देगा, लेकिन शुरुआत उम्मीदों से भरी है।

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