
गर्तेश्वर महादेव मथुरा में सावन के दूसरे सोमवार के दर्शन.....
सभी शिव भक्तों को सावन के दूसरे सोमवार की बधाई।
गल्तेश्वर महादेव मंदिर, मथुरा में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे "गर्तेश्वर महादेव" भी कहा जाता है। यह मंदिर कृष्ण जन्मभूमि के पीछे मल्लपुरा में स्थित है। मान्यता है कि यह मंदिर पूर्वी सीमा का क्षेत्रपाल है और यहां 41 दिनों तक दीपक जलाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गल्तेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास:
यह मंदिर मथुरा का एक प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण लखोरी ईंट, चूना और लाल पत्थर से हुआ था.
मंदिर की लंबाई-चौड़ाई लगभग 87'X70' है.
गर्तेश्वर महादेव को पूर्वी सीमा का क्षेत्रपाल माना जाता है.
मंदिर के सेवायत पुजारी महेंद्र शर्मा के अनुसार, यह मंदिर हजारों साल पुराना है और अपनी तरह का अनोखा है.
इस मंदिर में भगवान शिव के साथ पार्वती नहीं, बल्कि माता गायत्री विराजमान हैं.
यहां महादेव के आगे नंदी भी नहीं हैं.
मान्यता है कि 41 दिनों तक यहां दीपक जलाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
यह मंदिर कृष्ण जन्मभूमि के पास स्थित है.
इसे "गल्तेश्वर" महादेव भी कहा जाता है.
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
सावन के महीने में इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
यह मंदिर मथुरा के प्राचीन मंदिरों में से एक है.
यहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है.
मान्यता है कि भगवान शिव यहां पूर्वी सीमा के रक्षक के रूप में विराजमान हैं.