logo

अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के सम्मेलन में भगवान दादा श्रीकृष्ण यादव के वंशजों ने समाज में हो रहे अन्याय, अत्याचार और चारों ओर फैली सामाजिक रूढ़िवादी कुरीतियों को जड़ से जला डालने के लिए एक मंच से भरी हुंकार

झाँसी में अखिल भारतीय यादव महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव सिंह यादव ने साफ कहा कि समाज को शिक्षा, संगठन और एकजुटता की सख्त जरूरत है। उन्होंने दहेज प्रथा, बाल विवाह, जातिवाद और पाखंड जैसी कुरितियों को खत्म करने की जरूरत पर ज़ोर दिया।

यादव समाज के नेताओं का मानना है, अगर युवा पीढ़ी शिक्षित होगी, महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी और हर घर में संगठन की मजबूती होगी तभी समाज सशक्त बनेगा। कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए और युवाओं को समाज का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया।

ऐसी आवाज़ें जब एक मंच से उठती हैं तो बदलाव जरूर आता है। यादव समाज की ये पहल बाकी समाजों के लिए भी प्रेरणा है।

*यादव समाज की गर्जना: कुरीतियों पर सबसे बड़ी चोट!*
अखिल भारतीय यादव महासभा की गूंज ऐसी थी, जैसे सोये ज़मीर को झकझोर देने वाली कोई क्रांति। मंच पर जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, *“समाज में फैली कुरीतियों की जड़ को जला डालना है,”* तो पूरा सभागार एक आवाज़ में गूंज उठा।

दहेज, जातिवाद, पाखंड, अपसंस्कृति—इन सबको जड़ से उखाड़ने का हुंकार भरा गया। हर शख्स की आंखों में बदलाव की चमक थी, जैसे कृष्ण के वंशज फिर से धर्म की मशाल लेकर खड़े हो गए हों।

*शिक्षा से इनकार नहीं, महिलाओं का सम्मान, युवाओं को नया उड़ान!* ये वादा सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि संकल्प बन गया है। आज यादव समाज ने दिखा दिया—परिवर्तन के लिए बस एक हुंकार ही काफी है!

30
11123 views