राष्ट्रपति के अंगरक्षक यानी थे presudent's Body Gaurds
#Presidents_Body_Gaurds यानी #PBG लोचा पे लोचा 1773 में तत्कालीन #अंग्रेज_गवर्नर #वॉरन_हेस्टिंग्स ने पहली बार बनारस में पीबीजी का गठन किया था। तब इस टुकड़ी को ‘ #द_गार्ड_ऑफ_मुगल्स ’ ( #The_Gaurd_Of_Mughals) का नाम दिया गया था।बाकी कहानी ऐसे है कि 1784 में इसका नाम बदल कर ‘द गवर्नर जनरल्स बॉडीगार्ड’ कर दिया गया। 1858 में इसके नाम को फिर से बदला गया और इसे ‘द वाइसरायस बॉडीगार्ड’ कहा जाने लगा। साल 1944 में अंग्रेजों के शासन के अंतिम दौर में इसका नाम फिर से बदला गया और इसे ‘44वें डिवीजनल रिकोनिसेंस स्क्वाड्रन (जीजीबीजी)’ का नाम दे दिया गया।आजादी के बाद इसे एक बार फिर ‘ द गवर्नर जनरल्स बॉडीगार्ड’ का नाम दे दिया गया। 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य की स्थापना होने पर इसे वर्तमान नाम ‘प्रेजि़डेंट्स बॉडीगार्ड्स (पीबीजी)’ का टाइटल दिया गया।