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वरिष्ठ कवि सत्यपाल सत्यम के जन्मोत्सव पर एक काव्य संध्या का आयोजन किया राष्ट्रीय काव्य संग्रह ने

मेरठ - राष्ट्रीय काव्य संग्रह मंच द्वारा एक शाम सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय गीतकार सत्यपाल सत्यम जी के नाम दिनांक 20/7/2025 दिन रविवार को बड़े सुचारु रूप से संपन्न हुई।
अध्यक्षता डाॅ किरण सिंह ने की मुख्य अतिथि ओमकार गुलशन जी रहे दीप प्रज्वलित नीलम मिश्रा तरंग, मंगल सिह मंगल . ,सत्यपाल सत्यम गुलशन जी पूनम शर्मा अरुणा पंवार आदि ने किया
सरस्वती वंदना श्रीमती रेखा गिरीश ने की ,
संचालन और नीलम मिश्रा सुमनेश सुमन ने किया।
श्री सुमनेश सुमन, श्री सौरभ जैन सुमन श्री प्रतीक गुप्ता, श्री भटनागर जी ओमकार गुलशन, सूर्य कान्त द्विवेदी, श्री श्याम मोहन गुप्ता जी श्री दीवान गिरी जी श्री दिनेश शांडिल्य जी की गरिमा मई उपस्थिति रही

सत्यम जी ने यूं कहा
तेरे शहर में रिमझिम रिमझिम गांव मेरा मरुस्थल जी हमसे रूठ गया बादल
डाॅ नीलम मिश्रा ने कहा
ना हिंदू मरता है ना मुसलमान मरता है
जब भी मरता है इंसान मरता है ।
गीतकार सत्यम जी के इस तरह कुछ कहा
मेघ पहली बार जब झरे वृक्ष सब निखर निखर गए
रूपसी रूप आ गया आईने संवर संवर गए।
सत्यम जी ने अपना गीत यूं सुनाकर
लोग जो पूछे झूठ बोल दूं राधे श्याम बता दूं क्या।
इन गीतों में कौन छुपा है तेरा नाम बता दूं क्या
खूब तालियां बटोरी।
लोगों की फरमाईश पर कहा
चांद से उतरती है चांदनी तो दिखती है चांद पर लगा हुआ कलंक नहीं दिखता।
फिर यूँ पढा
गीत किसके गा रहा हूं तुम भी जानो मैं भी जानू।
किस पर मैं इतरा रहा हूं तुम भी जानो मैं भी जानू।
समापन गीत
लौ लगी है और तुम्हारा नाम की,
इसको सीताराम की बोलूं या राधेश्याम की
भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक व हिंदी साहित्य अकादमी के मेरठ अध्यक्ष कवि मनमोहन भल्ला ने भी उन्हें दोनों संस्थाओं की और से उन्हें साधुवाद प्रेषित किया

श्रीमती बीना मंगल , मनमोहन भल्ला ,ब।हाव मेरठी ,गोपाल जानम राशिद अहमद, आदिल अहमद,दिनेश तलवार , दिशा तलवार , श्याम मोहन गुप्ता ,
चंद्र शेखर मयूर, , रेखा गिरीश, अरुणा पवार, कमलेश शर्मा,चुन्नी रस्तोगी , कभलेश तन्हा, पूनम शर्मा,सरोज दुबे, राजबाला कपिल अलका गुप्ता ,जीशान कुरैशी, राम कुमारी, नीलम कुमार, नन्दनी रस्तोगी , कविता मधुर,राजीव कुमार,सुरेन्द्र खेड़ा, प्रदीप अग्रवाल, सुधा शर्मा,डोरी लाल भास्कर,आदि ने काव्य पाठ किया

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