
वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार जितेंद्र सिंह बार काउंसिल यूपी की अनुशासन समिति में बने को-ऑप्टेड सदस्य
तहसील बार एसोसिएशन खतौली के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार जितेंद्र सिंह को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुशासन समिति में को-ऑप्टेड सदस्य के रूप में नामित किया गया है। यह महत्वपूर्ण नियुक्ति बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन शिवकिशोर गौड़, जो कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि सदस्य भी हैं, द्वारा की गई है। इस सम्मानजनक चयन के माध्यम से सरदार जितेंद्र सिंह की विधिक सेवाओं में वर्षों की निष्ठा, निष्पक्षता और अनुभव को मान्यता प्रदान की गई है। खतौली नगर सहित जनपद के अधिवक्ता समाज में इस खबर के बाद हर्ष और गौरव की लहर दौड़ गई। क्षेत्र के अधिवक्ताओं ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पद उनकी कड़ी मेहनत और समर्पित सेवा का परिणाम है। अधिवक्ताओं ने एक सादे समारोह में उनका स्वागत करते हुए माला पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया। इस अवसर पर अधिवक्ता समाज के कई वरिष्ठ और कनिष्ठ सदस्य मौजूद रहे और उन्होंने सरदार सिंह को प्रेरणास्रोत बताया। को-ऑप्टेड सदस्य, जिसे हिंदी में सहयोजित या सह-चयनित सदस्य कहा जाता है, उसे किसी समिति में विशेष योग्यता, अनुभव या विषय की विशेषज्ञता के आधार पर मौजूदा सदस्यों द्वारा नियुक्त किया जाता है, न कि किसी चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब समिति को ऐसे सदस्यों की आवश्यकता होती है जिनके पास आवश्यक ज्ञान, अनुभव और विवेक हो जिससे समिति के निर्णयों में गुणवत्ता और निष्पक्षता लाई जा सके। सहयोजित सदस्य समिति की बैठकों में भाग लेते हैं, विचार-विमर्श में सक्रिय रहते हैं और समिति के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बार काउंसिल की अनुशासन समिति का कार्य अधिवक्ताओं के आचरण और नैतिकता की निगरानी करना, शिकायतों की जांच करना और आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करना होता है। इस समिति में सरदार जितेंद्र सिंह जैसे अनुभवी अधिवक्ता की भागीदारी से निश्चित रूप से कार्य प्रणाली में पारदर्शिता, न्यायप्रियता और निष्पक्षता को बल मिलेगा। सरदार जितेंद्र सिंह लंबे समय से खतौली तहसील में अधिवक्ता समाज के एक सक्रिय, प्रतिष्ठित और न्यायप्रिय व्यक्ति के रूप में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। वे न केवल कानून की गहराई और तकनीकी समझ रखते हैं, बल्कि युवा अधिवक्ताओं को मार्गदर्शन देने में भी हमेशा आगे रहते हैं। उनके व्यावसायिक जीवन में अनुशासन, समर्पण और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। इस नियुक्ति से जहां सरदार सिंह के कंधों पर एक नई जिम्मेदारी आई है, वहीं यह खतौली क्षेत्र के लिए भी गौरव की बात है कि यहां का एक अधिवक्ता राज्य स्तरीय समिति में सह-चयनित सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं देगा। उनकी यह भूमिका निश्चित रूप से विधि व्यवसाय में अनुशासन और न्यायिक मानकों की स्थापना में सहायक सिद्ध होगी। यह नियुक्ति यह भी दर्शाती है कि सच्चे समर्पण और ईमानदार प्रयासों से कोई भी अधिवक्ता प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है। सरदार जितेंद्र सिंह का यह योगदान अधिवक्ता समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।