
मर्म चिकित्सा के साथ PEMF तकनीक का उपयोग कर डॉ. अंकुर 'मानव' ने शिवभक्तों को दी दोहरी राहत, आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का अद्भुत संगम, श्रद्धालुओं ने बताया "भोलेनाथ की कृपा"
खतौली (मुजफ्फरनगर)।
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा केवल श्रद्धा और आस्था का पर्व नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का भी अनुपम उदाहरण बनती जा रही है। इसी भाव को साकार करते हुए गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स क्लब, शाहदरा (दिल्ली) और बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज, खतौली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 29वें कांवड़ सेवा शिविर में शिवभक्तों के लिए एक अनोखी चिकित्सा सेवा का आयोजन किया गया, जो पारंपरिक आयुर्वेदिक मर्म चिकित्सा और आधुनिक PEMF तकनीक (Pulsed Electromagnetic Field Therapy) के समन्वय से संचालित थी।
इस अनूठी चिकित्सा सेवा का नेतृत्व वरिष्ठ समाजसेवी, लेखक व वैकल्पिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अंकुर प्रकाश गुप्ता 'मानव' ने किया। उन्होंने न केवल मर्म चिकित्सा के माध्यम से शरीर के ऊर्जा बिंदुओं पर काम कर दर्द और थकान से राहत दी, बल्कि PEMF पल्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड तकनीक का उपयोग करके गहरे ऊतकों (डीप टिशू), हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों की सूजन को भी प्रभावी ढंग से ठीक किया।
क्या है PEMF तकनीक?
PEMF यानी Pulsed Electromagnetic Field Therapy एक आधुनिक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है, जो शरीर की कोशिकाओं को सूक्ष्म चुंबकीय तरंगों के माध्यम से उत्तेजित करती है। इससे कोशिका स्तर पर रक्त संचार बढ़ता है, सूजन कम होती है, और टिशू हीलिंग की प्रक्रिया तेज होती है। यह तकनीक बिना किसी दर्द, सुई, दवा या साइड इफेक्ट के शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में सहायता करती है।
मर्म चिकित्सा और PEMF का सम्मिलन:
डॉ. अंकुर मानव ने शरीर के प्रमुख मर्म बिंदुओं (जैसे पीठ, कंधे, पैर और गर्दन के विशेष बिंदु) पर उपचार के दौरान PEMF डिवाइस का उपयोग किया। पहले मर्म चिकित्सा द्वारा ऊर्जा प्रवाह को संतुलित किया गया, फिर PEMF थैरेपी द्वारा अंदरूनी मांसपेशियों और जॉइंट्स को गहराई से राहत दी गई। यह दोहरे प्रभाव वाली चिकित्सा विधि शिवभक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई।
शिवभक्तों ने महसूस की गहरी राहत:
कांवड़ यात्रा में थकान, मांसपेशियों में खिंचाव, पीठ और कंधे में दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे दर्जनों श्रद्धालुओं को इस चिकित्सा विधि से तत्काल और दीर्घकालिक राहत प्राप्त हुई। जिन भक्तों को पहले एलोपैथिक दवाओं से कोई खास लाभ नहीं मिला था, उन्होंने इस प्राकृतिक चिकित्सा को "चमत्कारी" और "भोलेनाथ की विशेष कृपा" बताया।
सामाजिक सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण:
गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स क्लब के योगेश त्यागी, प्रमोद शर्मा, अनिल बंसल सहित अन्य सदस्यों ने शिविर संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं बीएसएनएल कर्मचारियों ने तकनीकी व्यवस्थाएं संभालीं। दिल्ली से आए सेवाभावी सदस्यों जैसे डॉ. संजय बजाज, संजय सिंघल, मोहन दत्त शर्मा, मुकेश सिंघल, रमेश गिरी, गौतम बैसला, विनय नगर आदि ने जल सेवा, भोजन, विश्राम, प्राथमिक उपचार, और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था संभाली।
निष्कर्ष:
डॉ. अंकुर गुप्ता ‘मानव’ द्वारा मर्म चिकित्सा और PEMF तकनीक का संयोजन एक नई पहल बनकर सामने आया है, जिसने न केवल शिवभक्तों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया, बल्कि वैकल्पिक चिकित्सा की संभावनाओं और प्रभावशीलता को भी उजागर किया। इस शिविर ने यह सिद्ध किया कि जब आस्था, सेवा और विज्ञान मिलते हैं, तब समाज में नवाचार और जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।
"हर हर महादेव" के जयघोषों के बीच संपन्न इस चिकित्सा सेवा ने श्रद्धालुओं के मन में गहरी छाप छोड़ी और यह आशा जताई कि भविष्य में भी ऐसे सेवा केंद्र समाज को नई दिशा देंगे।