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भांवरकोल: खरडीहा में गलियों की हालत बेहद खराब, ग्रामीण परेशान....

गाजीपुर/भांवरकोल विकास खंड क्षेत्र के खरडीहा गाँव को कौन नहीं जानता, वही खरडीहा जहाँ "इंटर कॉलेज" और "डिग्री कॉलेज" मौजूद हैं। जहाँ क्षेत्र के युवाओं ने शिक्षा प्राप्त की है।
हम बात कर रहे हैं, उसी खरडीहा गाँव की, जहाँ आज भी बीएसएनएल का टावर खड़ा है, जो कभी स्थायी टेलीफोन कनेक्शन का केंद्र हुआ करता था। आज भी टावर अपनी सेवाएँ दे रहा है। 20 साल पहले खरडीहा गाँव का नाम 5 से 6 साल के बच्चों को याद रहता था।

इसका मुख्य कारण यह था कि खरडीहा गाँव का नाम दैनिक जीवन में एक या दो बार लोग बोल ही देते थे। इलाके के छात्रों को स्कूल जाना हो तो खरडीहा।
स्थाई टेलीफोन बंद हो तो खरडीहा जाना है।
खरडीहा गाँव को आस-पास के गाँवों में विकसित गाँवों की श्रेणी में रखा जाता था।
लेकिन अब वो चमक-दमक नहीं रही। एक तरफ़ आस-पास के गाँवों की गलियों को आरसीसी बना दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ़, खरडीहा गाँव की गलियों की हालत बेहद ख़राब है।

यहां ख़राब गलियों की समस्या एक गंभीर मुद्दा है। यहाँ की गलियाँ टूटी-फूटी और गंदगी से भरी हैं। गलियों में बने बड़े-बड़े गड्ढों में गंदा पानी जमा होने से ग्रामीण परेशान हैं।
इन गंदी गलियों में पैदल चलना और दोपहिया वाहनों से चलाना बेहद मुश्किल काम है।
बरसात के मौसम में गलियाँ पानी से भर जाती हैं। जिससे बीमारियाँ फैलने का खतरा बना रहता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार शिकायत की जा चुकी है।
लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
कुछ लोगों ने बताया कि गलियों की हालत देखकर वे घरों से कम ही निकलते हैं। मांगलिक कार्यक्रमों के दौरान काफ़ी परेशानी होती है।

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