
गोद लिए बेटे ने पत्नी और साथियों संग रची वृद्धा की हत्या की साजिश, 40 हजार में दी थी सुपारी, चार आरोपी गिरफ्तार.......
सरसीवा थाना क्षेत्र के ग्राम पंडीपाली में बुजुर्ग महिला की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने की सनसनीखेज साजिश का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। ज़मीन विवाद को लेकर मृतिका के ही गोद लिए बेटे ने अपनी पत्नी और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या की योजना रची और 40 हजार रुपये की सुपारी देकर वारदात को अंजाम दिलाया। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
घटना 15 जुलाई की रात की है, जब गांव की 80 वर्षीय जय मंझलीबाई खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई थी। अगली सुबह जब वह बाहर नहीं निकली, तो ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़ा और उन्हें मृत अवस्था में पाया। प्रारंभिक दृष्टि में मामला आत्महत्या जैसा प्रतीत हुआ, लेकिन पुलिस की बारीकी से की गई जांच में कई संदेह उभरे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई, जिससे पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया।
पुलिस अधीक्षक अंजनेय वाच्य के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती निमिषा पांडे व एसडीओपी विजय ठाकुर के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी निरीक्षक वीणा यादव के नेतृत्व में विशेष टीम ने जांच को तेज किया। पूछताछ में मृतिका का गोद लिया पुत्र भजनलाल कठौतिया टूट गया और हत्या की साजिश कबूल की।
उसने बताया कि मृतिका लगातार उसके खिलाफ शिकायतें करती थी, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान था। इसके चलते उसने अपनी पत्नी नोनीबाई के साथ मिलकर गांव के युवक राजा कुर्रे को 40 हजार रुपये की सुपारी दी। राजा ने अपने साथी सावनदास मानिकपुरी के साथ मिलकर 15 जुलाई की रात मंझलीबाई की गला घोंटकर हत्या कर दी।
हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए आरोपियों ने मृतिका के हाथ में चाबी वाली चूड़ी फंसा दी और दरवाजा अंदर से बंद कर खिड़की के रास्ते फरार हो गए। अगली सुबह गांववालों को सूचना दी गई कि मंझलीबाई की स्वाभाविक मौत हो गई है, लेकिन पुलिस की तकनीकी साक्ष्य व ग्रामीणों के बयानों ने इस साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।
पुलिस ने इस मामले में भजनलाल कठौतिया (48), उसकी पत्नी नोनीबाई (45), राजा कुर्रे (20) और सावनदास मानिकपुरी (24), सभी निवासी पंडीपाली को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 238 के तहत हत्या व आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया है।
इस सफलता में थाना प्रभारी वीणा यादव के साथ सहायक उपनिरीक्षक नंदराम साहू, प्रधान आरक्षक अनिरुद्ध बैरागी, गजानंद स्वर्णकार, रतनलाल स्वाई, रोहित लहरे, ओमप्रकाश साहू, मुनि अनंत, प्रकाश भारद्वाज, राजकुमार खुटे, कामता कर्ष सहित थाना स्टाफ का विशेष योगदान रहा।