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धनबाद: निरसा ओसीपी में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से युवक की मौत, बीसीसीएल और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप – गिरिडीह सांसद ने उठाए सवाल

धनबाद/निरसा | झारखंड के धनबाद जिले के निरसा ओसीपी अंतर्गत राजा कोलियरी क्षेत्र में शनिवार सुबह लगभग 11:30 बजे अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से 22 वर्षीय युवक विशाल की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान न्यू धमाल, निरसा निवासी विशाल के रूप में हुई है।

हादसे के तुरंत बाद, अवैध खनन में लिप्त लोगों ने जेसीबी की मदद से मलबा हटाया और शव को आनन-फानन में ठिकाने लगा दिया। इस अवैध खनन के पीछे अरमान शेख और अरबाद शेख का नाम सामने आ रहा है, जो मौके से फरार बताए जा रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों का फूटा गुस्सा, पुलिस पर गंभीर आरोप निरसा उत्तर पंचायत के मुखिया दिनेश सिंह ने कहा,> "यह पूरा अवैध कारोबार पुलिस की शह पर चलता है। मैंने कई बार प्रशासन को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

भमाल पंचायत के मुखिया योगेंद्र यादव ने भी ओसीपी प्रबंधन और पुलिस को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि प्रशासनिक लापरवाही और मिलीभगत के कारण ही यह घटना घटी।

घटना के बाद भी स्थानीय पुलिस और ईसीएल के अधिकारी मौके पर काफी देर तक नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद अवैध खनन पर कोई रोक नहीं लगाई गई। कोयला खुलेआम पिकअप वैन से निकाला जा रहा है और ट्रकों में भरकर बाहर भेजा जा रहा है।

गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:> “राज्य सरकार, प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन की सांठगांठ से कोयला माफिया बेलगाम हो गए हैं। जमीन के नीचे सुरंग बनाकर अवैध रूप से कोयला निकाला जा रहा है। यह सरकार का नहीं, माफियाओं का राज है, जो सरकारी राजस्व लूटकर अपनी जेबें भर रहे हैं।”उन्होंने राज्य सरकार को भ्रष्ट, प्रशासन को विफल और अफसरशाही को कोयला तस्करी का संरक्षक करार दिया।

धनबाद के निरसा और भौरा क्षेत्रों में पहले भी कई बार चाल धंसने की घटनाएं हो चुकी हैं। वर्ष 2023 में भौरा ओपी क्षेत्र में तीन लोगों की मौत ऐसे ही हादसे में हुई थी। इसके बावजूद, प्रशासन और बीसीसीएल की ओर से निगरानी और कार्रवाई के प्रयास नाकाफी रहे हैं।

यह घटना प्रशासनिक उदासीनता, कोयला माफियाओं की बेलगाम गतिविधियों और पुलिस-बीसीसीएल की संदिग्ध भूमिका का ताजा उदाहरण है। सरकार एक ओर अवैध खनन पर रोक के दावे करती है, तो दूसरी ओर मौत का अवैध कारोबार बेरोकटोक जारी है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं और भी मासूमों की जान ले सकती हैं।

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