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शायरी (Shayeri) "मजाक मेरी बेबस जिंदगी का"

ना उड़ा मजाक मेरी बेबस जिंदगी का ए दोस्त। एक दिन मेरी ज़िन्दगी जी कर देख, कितनी तकलीफ़ होती है।
खुश नसीब हो तुम के तुमको मिले हैं इस कदर चाहने वाले। वर्ना हमारी बेबासी तो देखो, हम दुश्मनों में अपनो को ढूंढा करते हैं।
--असलम बाशा (A. B.)

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