JAC Exam 2021: 9वीं और 11वीं की नहीं होगी परीक्षा
मैट्रिक और इंटर वार्षिक परीक्षा के विकल्प की तलाश
झारखंड में पहली से आठवीं की परीक्षा नहीं कराने की घोषणा में बाद 9वीं और 11वीं कक्षा के परीक्षार्थियों की भी परीक्षा नहीं कराये जाने की संभावना बन रही है।
इन छात्रों को 8वीं कक्षा की तरह अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा सकता है। राज्य सरकार इससे संबंधित समक्ष कर जल्द ही घोषणा आने वाले दिनों में कर सकती है ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है।
वहीं, मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा आयोजित करने को लेकर भी मंथन जारी है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, झारखण्ड (School Education and Literacy Department, jharkhand) से परामर्श माँगा है कि नहीं लेने की स्थिति पास करने का फार्मूला कैसे तय किया जाए। इसका प्रस्ताव स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को भेजा जा चूका है।
जैक ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा लेना छात्र हित में बताया है क्योंकि इससे मेधावी छात्रों के साथ न्याय नहीं होगा। साथ ही, प्राथमिकता के तौर पर परीक्षा कैसे ली जाए इस पर भी परामर्श मागा।
अब अंतिम निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है। अगर किसी कारणवश मैट्रिक की परीक्षा नहीं ली जाती है, तो छात्र छात्राओं को पास करने के लिए 9वीं के एग्जाम रिजल्ट को आधार बनाया जा सकता है।
इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्रा पिछले साल 9वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर 10वीं में गए थे। ऐसे में 9वीं क्लास की ओएमआर शीट (OMR Sheet) पर हुई परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर मार्क्स और डिवीजन दिया जा सकता है।
वर्ष 2020 के नवंबर में मैट्रिक के परीक्षार्थियों के लिए महामारी के कारण संशोधित सिलेबस जारी किया गया था। 21 दिसंबर से अभिभावकों की सहमति और शपथ पत्र द्वारा छात्रों को स्कूल भी बुलाया गया।
इस दौरान ना तो उनकी मिड टर्म परीक्षा ली जा सकी और न ही किसी प्रकार का अन्य टेस्ट स्कूल स्तर पर लिया गया।
ऐसे में या तो मैट्रिक की परीक्षा लेने या फिर नौवीं के रिजल्ट के आधार पर 10वीं वार्षिक परीक्षा परिणाम जारी करने का ही विकल्प बचता है।
विशेषज्ञों की राय है कि छात्र-छात्राओं के जीवन में मैट्रिक की परीक्षा का सबसे बड़ा महत्व है। कैरियर के लिहाज से यह पहला एकेडमिक पड़ाव है और भविष्य की पहली सीढ़ी है। इसलिए परीक्षा लिया जाना अति आवश्यक है।
मैट्रिक की परीक्षा में इस वर्ष 4.30 लाख परीक्षार्थी शामिल होने वाले हैं। हालांकि, कोरोनावायरस के भयाबह स्थिति को देखते हुए सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया है।
सीबीएसई बोर्ड इस संबंध में स्कूलों से राय ले रही है कि किस आधार पर छात्र-छात्राओं को पास किया जाए। जानकारों के अनुसार सीबीएसई बोर्ड स्कूल में हुए इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर 10वीं की परीक्षा पास करने पर विचार-विमर्श कर रही है।
दूसरे राज्यों के बोर्ड पर भी नजर
झारखंड सरकार और जैक, सीबीएसई के साथ-साथ दूसरे राज्यों की बोर्ड परीक्षा पर भी नजर बनाए हुए हैं। कई राज्यों ने कोरोना संक्रमण के तेज़ी से बढ़ते मामलो को देखते हुए परीक्षा स्थगित कर दी है।
कोरोना के मामले कम होने पर कुछ राज्य परीक्षा लेने का निर्णय ले सकते हैं। झारखंड सरकार राज्य में कोरोना के मामले घटने पर इस पर परीक्षा लेने का निर्णय ले सकती है।
फिलहाल राज्य में एक सप्ताह का स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (मिनी लॉकडाउन) 30 अप्रैल को खत्म होने के बाद एक सप्ताह इसे और बढ़ाया गया है।