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*सोनभद्र को ऊर्जा की राजधानी कहा जाता है उसके बाद भी सोनभद्र जिले में बिजली की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है* *दीपक द्विवेदी*

सोनभद्र: द्विवेदी का कहना है कि बिजली की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है बड़े अफसोस की बात ये है कि हम सोनभद्र के निवासी है जहां बिजली का उत्पादन जिले में थर्मल, हाइड्रो और सोलर, तीनों प्रकार से बिजली का उत्पादन होता है। इसे "भारत की ऊर्जा राजधानी" भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ कई बड़े बिजली संयंत्र स्थित हैं।
थर्मल पावर:
सोनभद्र में कोयला आधारित कई थर्मल पावर प्लांट हैं, जैसे कि एनटीपीसी के शक्तिनगर और बीजपुर संयंत्र, और अनपरा, ओबरा, और लैंको के संयंत्र.
हाइड्रो पावर:
गोविंद बल्लभ पंत सागर के आसपास कई जलविद्युत स्टेशन हैं।
सोलर पावर:
सोनभद्र में सोलर पावर प्लांट भी स्थापित हैं.
कुल उत्पादन: के अनुसार, सोनभद्र में लगभग 11,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के कुल उत्पादन का लगभग 50% है।
दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे पावर प्लांट जहां से जनता को बिजली उपलब्ध होती है वहां ही पानी भरा है लेकिन हमारे सोनभद्र के प्रतिनिधि जनता के जो जनता द्वारा उनकी समस्या के लिए चुने जाते है ओ उसपे ध्यान नहीं दे रहे लोगो को कहना ये है पसहि फितर कठपुरवा जो विधान सभा घोरावल के अंतर्गत आता है पानी भर जाने के कारण बिजली की समस्या हो रही है जिससे लगभग 50. गांव अंधेरे में है इसको जनता की ग़लती कहा जाए हमारे प्रतिनिधियों की ग़लती जिनके पास तो 24 घंटे बिजली उपलब्ध है परेशान तो जनता हो रि है हमारा आप सभी से निवेदन है कि हमारे प्रतिनिधियों के पास ये सूचना पहुंचे क्योंकि वह किसी का फोन नहीं उठाते या बात नहीं सुनते और हमारे एसडीओ साहब इसपर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दें।

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