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गोसाईगंज विधायक माननीय श्री अभय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत -अयोध्या

बाहुबली विधायक अभय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, 2010 के जानलेवा हमले के मामले में दाखिल SLP खारिज।

👉नई दिल्ली/अयोध्या।
अयोध्या की गोसाईंगंज विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक अभय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 2010 के एक पुराने जानलेवा हमले के मामले में दाखिल विशेष अनुमति याचिका (SLP) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद लखनऊ हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए इसे खारिज कर दिया।

यह याचिका हमले के पीड़ित विकास सिंह की ओर से दाखिल की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा अभय सिंह को मिली राहत को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के साथ ही विधायक अभय सिंह को कानूनी रूप से बड़ी राहत मिल गई है।

👉क्या था मामला..??

यह मामला अयोध्या के महाराजगंज थाना क्षेत्र का है। वर्ष 2010 में विकास सिंह नामक व्यक्ति ने अभय सिंह और उनके साथियों पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया था। एफआईआर में कहा गया कि सिंह पर हथियारों से हमला हुआ था, लेकिन गवाहों के विरोधाभासी बयानों और स्पष्ट तथ्यों के अभाव में मामला लगातार उलझता गया। बाद में यह केस अंबेडकरनगर ट्रांसफर कर दिया गया।

👉13 साल बाद बरी, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला।

करीब 13 साल लंबी सुनवाई के बाद अंबेडकरनगर की अदालत ने 10 मई 2023 को अभय सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इसके बाद विकास सिंह ने लखनऊ हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी।

हाईकोर्ट की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान दो जजों—जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की राय अलग-अलग रही। जस्टिस मसूदी ने अभय सिंह को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई, जबकि जस्टिस श्रीवास्तव ने उन्हें बरी करार दिया। मतभेद के चलते मामला तीसरे जज जस्टिस राजन राय के पास गया।

👉तीसरे जज ने भी दी राहत, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती।

21 मार्च 2025 को जस्टिस राजन राय ने भी अभियोजन की दलीलों को कमजोर मानते हुए अभय सिंह को दोषमुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि FIR में हमले के समय, हमलावरों की संख्या और हथियारों को लेकर स्पष्टता नहीं थी, जबकि पीड़ित पक्ष ने अलग-अलग समय पर बयान बदले, जिससे संदेह की स्थिति बनी रही।

इसी फैसले को विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच ने SLP खारिज कर दी।

👉 राजनीतिक मायने भी बड़े

अभय सिंह इस मामले में कानूनी लड़ाई के अलावा राजनीतिक वजहों से भी सुर्खियों में हैं। फरवरी 2024 के राज्यसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी की लाइन से हटकर बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया था, जिसके चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज थीं। अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनके लिए बीजेपी की राह आसान मानी जा रही है।

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