
जब सब चुप थे, तब राकेश सिंह बने रामगंज के असली मसीहा"-
कैंसर पीड़ित को जीवनदान देने वाली नगर पंचायत अध्यक्ष की संवेदनशील पहल, क्षेत्र में बनी चर्चा का केंद्र |
रामगंज प्रतापगढ़ -आज के समय में जब अधिकतर जनप्रतिनिधि केवल भाषणों और मंचों तक सीमित हैं, नगर पंचायत रामगंज के अध्यक्ष राकेश सिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चा नेतृत्व केवल कुर्सी से नहीं, करुणा से पहचाना जाता है।
रामगंज के सैलखा गाँव निवासी विनोद पांडे, जो गंभीर कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं, बीते चार महीनों से आर्थिक तंगी और इलाज के अभाव में तड़प रहे थे। परिवार में दो छोटे बच्चे, खुद गाड़ी चलाकर जीवन यापन, और घर की छत तक नसीब नहीं—ऐसे हालात में विनोद की ज़िंदगी पूरी तरह टूट चुकी थी।
पीड़ा की यह कहानी जब समाजसेवी यशवंत यादव तक पहुँची, तो वे विनोद को लेकर प्रतापगढ़ के सांसद डॉ. एसपी सिंह पटेल के पास पहुँचे। सांसद ने सहानुभूति तो जताई, मदद का आश्वासन भी दिया, लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद कोई मदद नहीं पहुंची।
निराशा, दुःख और असहायता के आंसुओं में डूबे यशवंत यादव और विनोद पांडे की आवाज जब सोशल मीडिया के माध्यम से गूँजी, तब यह दर्द नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश सिंह के दिल को छू गया और यहीं से शुरू होती है एक सच्चे जननायक की भूमिका |
राकेश सिंह ने बिना देर किए, स्थिति की गंभीरता को समझते हुए "जीवन संजीवनी मिशन" नाम से एक विशेष व्हाट्सएप समूह बनाया। इस समूह में उन्होंने मुंबई सहित देश-भर के अपने सहयोगियों और क्षेत्रीय सम्मानित जनों को जोड़ा।
सिर्फ 48 घंटे के भीतर ₹3,00,000 की राशि एकत्र कर पीड़ित के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की।आज विनोद पांडे का इलाज शुरू हो चुका है। चेहरे पर मुस्कान है, आंखों में उम्मीद की लौ है, और पूरे रामगंज क्षेत्र में राकेश सिंह की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा हो रही है।
जनता कह रही है:> "राकेश सिंह जैसे जनप्रतिनिधि लोकतंत्र की असली ताकत हैं।"अब रामगंज में कोई भी मरीज इलाज के अभाव नही तड़पेगा यह विश्वास बन चुका है।"
राकेश सिंह ने यह भी दिखाया कि राजनीति केवल सत्ता नहीं, सेवा का माध्यम हो सकता है।
उनकी संवेदनशीलता, त्वरित निर्णय क्षमता और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें सिर्फ एक नगर पंचायत अध्यक्ष नहीं, बल्कि आमजन मानस का सच्चा संरक्षक बना दिया है।