
गुजरात के एक परिवार के लिए वरदान साबित हुआ टोहाना का साईं चिल्ड्रन हॉस्पिटल
टोहाना/फतेहाबाद, हरियाणा), 17 जुलाई (मंजीत सिंह) - रिकार्ड पर रिकार्ड दर्ज करता जा रहा टोहाना ज़िला फतेहाबाद (हरियाणा) के साईं बच्चों के अस्पताल में उस समय हर कोई भावुक हो गया जब एक बच्चे के रोते हुए माता-पिता डॉक्टर के गले लग गए और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे। इतना ही नहीं, अस्पताल में बच्चे के माता-पिता द्वारा मिठाइयाँ भी बाँटी गईं। साईं चिल्ड्रन हॉस्पिटल टोहाना के कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान, बच्चे के पिता ने भावुक होते हुए बताया कि वह गुजरात से अपने ससुराल टोहाना आए थे और इसी दौरान उनकी पत्नी की साढ़े छह महीने की डिलीवरी हुई। जिसमें बच्चे की हालत बहुत खराब थी। किसी के बताने पर वह घबराए हुए बच्चे को साईं चिल्ड्रन हॉस्पिटल टोहाना ले गए। इस दौरान डॉक्टरों की टीम ने बच्चे की जाँच की और बताया कि बच्चे के बचने की उम्मीद सिर्फ़ दस प्रतिशत है। बच्चे के माता-पिता ने डॉ. अमित गर्ग (साईं हॉस्पिटल) से बच्चे को अपने अस्पताल में भर्ती करने और इलाज शुरू करने की अपील की। साईं हॉस्पिटल टोहाना की पूरी टीम बच्चे को स्वस्थ करने में जुट गई। धीरे-धीरे बच्चा स्वस्थ होने लगा। इस दौरान बच्चे के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बच्चे के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने बच्चे के बचने की पूरी उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था कि उनके बच्चे को चमत्कारिक रूप से जीवनदान मिला। बच्चे के पिता ने बताया कि वह गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं, शादीशुदा हैं। वह अपनी पत्नी को प्रसव के लिए टोहाना लाए थे, लेकिन प्रसव साढ़े छह महीने में ही हो गया। उनके ससुराल वालों ने उनके एक परिचित डॉ. अमित गर्ग (साईं चिल्ड्रन हॉस्पिटल) से संपर्क किया और अस्पताल की पूरी टीम ने बच्चे का पूरा ध्यान रखा। बच्चे के पिता ने भावुक होते हुए कहा कि उनके बच्चे के बचने की उम्मीद सिर्फ़ दस प्रतिशत ही थी। उन्होंने कहा कि वह अहमदाबाद में रहते हैं और उन्हें यकीन नहीं था कि टोहाना में ऐसा इलाज संभव होगा।
इस संबंध में साईं चिल्ड्रन हॉस्पिटल टोहाना के डॉ. अमित गर्ग ने अभी बताया कि बच्चे का जन्म समय से पहले साढ़े छह महीने, जिसे सात मासा कहते हैं, में हुआ था। इस बच्चे का वज़न लगभग एक किलोग्राम था, बहुत नाज़ुक हालत में था और वेंटिलेटर पर था। इससे पहले, इसी परिवार के दो बच्चे (समय से पहले हुए दो प्रसव के दौरान) गुजरात में पैदा हुए थे, बच नहीं पाए थे। चूँकि टोहाना मायके थे, इसलिए टोहाना में प्रसव करवाया। यह बच्चा 40 दिन उनके अस्पताल में रहा, यह बच्चा एक किलो सात सौ ग्राम का हो गया है। वह पूरी तरह स्वस्थ है और उसे छुट्टी दी गई है।