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कैराना एसडीएम निधि भारद्वाज बनीं कांवड़ियों की सेवा का उदाहरण — अपने हाथों से कराया प्रसाद वितरण, शिविर में देखी गई संवेदनशील प्रशासनिक मौजूदगी



कैराना। कांवड़ यात्रा के दौरान सेवा, समर्पण और प्रशासनिक जिम्मेदारी का एक अनोखा दृश्य उस समय देखने को मिला जब एसडीएम कैराना श्रीमती निधि भारद्वाज स्वयं शाम के समय पब्लिक इंटर कॉलेज कैराना स्थित कांवड़ सेवा शिविर में पहुंचीं। उनके साथ तहसीलदार कैराना भी मौजूद रहे।

शिविर में पहुंचते ही एसडीएम ने सबसे पहले शिवभक्त कांवड़ियों का हालचाल जाना और तत्पश्चात अपने हाथों से उन्हें प्रसाद, भोजन, दूध और जलेबी परोसकर सेवा कार्य में जुट गईं।
इस दृश्य को देखकर शिविर में मौजूद कांवड़िए अभिभूत हो उठे और चारों ओर "बम बम भोले" ज़िंदाबाद" के नारे गूंज उठे।


*व्यवस्थाओं का लिया गहराई से जायजा, कहीं नहीं मिली कोई कमी*

एसडीएम ने शिविर की व्यवस्थाओं का सूक्ष्म निरीक्षण किया। उन्होंने पेयजल, स्वास्थ्य सेवा, शौचालय व्यवस्था, भोजन की गुणवत्ता, बिजली व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंध का गहनता से जायजा लिया।

चाक-चौबंद व्यवस्थाएं देख कर एसडीएम ने शिविर संचालन से जुड़े सभी कर्मियों और स्वयंसेवकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि किसी भी शिवभक्त को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।



*"शिवभक्तों की सेवा करना सौभाग्य है" — निधि भारद्वाज*


सेवा करते समय जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह इतने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद शिविर में क्यों आई हैं, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा —
"शिवभक्तों की सेवा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। प्रशासनिक जिम्मेदारी सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं, जनता के बीच रहकर कार्य करना ही असली प्रशासन है।" उनकी यह बात लोगों के दिलों को छू गई।



*तहसीलदार का भी रहा सक्रिय सहयोग*

इस अवसर पर तहसीलदार कैराना ने भी शिविर में मौजूद रहकर व्यवस्थाओं की निगरानी की और हर विभाग से समन्वय बनाकर व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उनकी सक्रियता से यह संदेश गया कि प्रशासन पूरी तरह से कांवड़ियों की सेवा में समर्पित है।


*पुलिस प्रशासन ने भी निभाई अहम भूमिका*

शिविर में सुरक्षा व्यवस्था की कमान पुलिस प्रशासन ने मजबूती से संभाली हुई थी। यातायात नियंत्रण, भीड़ प्रबंधन और रात्रि सुरक्षा जैसी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दिया गया।


*सेवा शिविर बना मिसाल, श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम*

कुल मिलाकर यह सेवा शिविर सिर्फ एक पड़ाव नहीं बल्कि एक मिसाल बन गया — जहाँ प्रशासनिक कर्मठता, मानवीय संवेदनशीलता और धार्मिक श्रद्धा का अद्वितीय संगम देखने को मिला।

एसडीएम निधि भारद्वाज ने न केवल एक अधिकारी के रूप में, बल्कि एक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य का जो परिचय दिया, वह हर अधिकारी के लिए एक प्रेरणा है
राइटर गुलवेज आलम

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