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🔴 कांटी में सियासी संग्राम! "विकास पुरुष" बनाम "शिलापट्ट पुरुष" की जंग ने पकड़ा जोर 🔴

काँटी, मुजफ्फरपुर | बिहार विधानसभा चुनाव की दस्तक ने कांटी विधानसभा क्षेत्र को सियासी रणभूमि में तब्दील कर दिया है। चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी हुआ भी नहीं है और यहां नेताओं की जुबानी जंग ने पहले ही तापमान बढ़ा दिया है।

एक ओर कांटी के मौजूदा विधायक इसराइल मंसूरी खुद को “विकास पुरुष” साबित करने में जुटे हैं, तो दूसरी ओर पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने उन्हें “शिलापट्ट पुरुष” का तमगा देकर हमला बोल दिया है। मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं, बल्कि अब यह आरोपों की आंधी और शिलान्यासों की झड़ी तक जा पहुंचा है।

🛣️ शिलान्यास की बौछार या जनता के साथ छल?

हाल ही में विधायक इसराइल मंसूरी ने क्षेत्र में एक के बाद एक कई सड़कों और योजनाओं का शिलान्यास कर डाला। इन शिलापट्टों की चमकदार तस्वीरें सोशल मीडिया से लेकर इलाके के हर नुक्कड़ तक चर्चा का विषय बन गईं।

लेकिन पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने इन योजनाओं की सच्चाई पर सवाल उठाते हुए तंज कसा—
"ये विकास नहीं, केवल बोर्ड की राजनीति है!"
उन्होंने दावा किया कि जिन योजनाओं का शिलान्यास हुआ, उनमें से अधिकतर अभी स्वीकृत ही नहीं हुई हैं। न कोई संवेदक तय हुआ, न ही योजना बोर्ड लगे।
"ऐसा लग रहा है कि विधायक जी केवल फोटो खिंचवाने और जनता को भ्रमित करने के लिए पत्थर गाड़ रहे हैं," अजीत कुमार ने कहा।

🔍 विभागीय कार्रवाई की चेतावनी

पूर्व मंत्री ने कहा कि नियमानुसार, हर निर्माण कार्य के लिए एक विभागीय बोर्ड जरूरी होता है, जिसमें योजना की संपूर्ण जानकारी होती है—
लेकिन कांटी की गलियों में सिर्फ शिलापट्ट लगे हैं, बिना किसी पारदर्शिता के। उन्होंने इस पर विभागीय जांच और कार्रवाई की मांग की है।

🔥 विधायक का पलटवार

अजीत कुमार के आरोपों का जवाब विधायक इसराइल मंसूरी ने भी तीखे लहजे में दिया। उन्होंने कहा—
"जिसे जनता दो बार नकार चुकी हो, उसकी बातों का कोई मतलब नहीं।"

विधायक ने अजीत कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कांटी की माटी तक बदनाम हो गई थी।
"सड़क पर खड़े होकर जो लेवी वसूलता था, वो आज मुझे ईमानदारी सिखा रहा है!"

इसराइल मंसूरी ने आत्मविश्वास से कहा कि कांटी की जनता अब सब समझ चुकी है और आने वाले चुनाव में
"हर एक का हिसाब होगा—ईमानदारी से और जनता के सामने!"


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📣 जनता की अदालत बाकी है…

कांटी में यह जंग अब सिर्फ विकास और भ्रष्टाचार की नहीं रही, बल्कि इज़्ज़त और अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है।
जहां एक ओर “विकास पुरुष” बनने की होड़ है, वहीं दूसरी ओर “शिलापट्ट राजनीति” को बेनकाब करने की कोशिश।

जनता भी अब सोच में है—
क्या ये विकास का असली चेहरा है, या सिर्फ चुनावी स्टंट?

और अब जब चुनावी बिगुल बजने ही वाला है, कांटी के लोग सिर्फ सड़कों की मरम्मत नहीं, नेताओं की नीयत भी जांचने को तैयार हैं।
असली फैसला अब जनता की अदालत में होगा… और वह बताएगी कि उसे 'विकास' चाहिए या 'विकास का ढोंग!'

🗳️ "अबकी बार कांटी में शिलापट्ट पर नहीं, सच पर वोट पड़ेगा!"
Report : Sanjeev Sameer

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