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सौम्यश्री की मौत के विरोध में NSUI का प्रदर्शन, रांची में उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी का पुतला दहन।

सौम्यश्री की मौत के विरोध में NSUI का प्रदर्शन, रांची में उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी का पुतला दहन।ओडिशा के बालासोर ज़िले में एफएम कॉलेज की छात्रा सौम्यश्री की आत्महत्या के मामले में न्याय की माँग को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) द्वारा आज रांची के हरमू स्थित भाजपा कार्यालय के समक्ष ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी का पुतला दहन कर प्रशासनिक विफलता के खिलाफ तीव्र आक्रोश व्यक्त किया गया। प्रदर्शन के दौरान NSUI कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई। स्थिति उग्र होने पर पुलिस ने NSUI के कई नेताओं को मौके से हिरासत में ले लिया, जिसके विरोध में छात्रों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाकर गिरफ्तारी का विरोध किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे NSUI झारखंड प्रदेश अध्यक्ष श्री बिनय उरांव ने कहा: “यह घटना केवल आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित संस्थागत हत्या है। जब एक छात्रा बार-बार यौन शोषण की शिकायत करे और प्रशासन, कॉलेज प्रबंधन व सरकार चुप रहे, तो यह अपराध के समर्थन जैसा है। NSUI झारखंड यह स्पष्ट करता है कि यदि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन पूरे राज्य और देशभर में उग्र रूप लेगा। हम सौम्यश्री को न्याय दिलाकर रहेंगे।”NSUI के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजवर्धन ठाकुर ने कहा: “सौम्यश्री की मौत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा-ABVP का महिला सुरक्षा के प्रति रवैया केवल भाषणों तक सीमित है। जिस छात्रा ने मदद की गुहार लगाई, उसे अनदेखा किया गया। ABVP की चुप्पी इस पूरे मामले में सबसे शर्मनाक पहलू है। NSUI इस साजिश को उजागर करेगा और दोषियों को बेनकाब कर उन्हें सज़ा दिलाएगा।” मौके पर उपस्थित NSUI रांची विश्वविद्यालय अध्यक्ष कैफ अली ने कहा: “यह एक छात्रा की नहीं, हर उस आवाज़ की लड़ाई है जो अन्याय के खिलाफ उठती है। हम सौम्यश्री को न्याय दिलाने के लिए हर मंच पर लड़ेंगे और कोई भी सत्ता, हमें चुप नहीं करा सकती।” प्रदर्शन में DSPMU अध्यक्ष आर्यन, NSUI प्रदेश सचिव सैयद इक़बाल, महासचिव मनोहर साहू, युवा कांग्रेस के रांची जिला उपाध्यक्ष आयुष अग्रवाल, नगर अध्यक्ष देवघर प्रियांशु कुमार सहित सैकड़ों NSUI कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर अमन अली, चांद, अमन, अब्दुल्ला, प्रेम सोरेन, दिव्या तिर्की, साहिल, ज़ैद, रामिज, साहेब, दया मेनी तिर्की, संतोष यादव और अन्य अनेक छात्र-नेता व युवाओं ने अपनी भागीदारी दर्ज की। NSUI ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन सौम्यश्री को न्याय दिलाने तक जारी रहेगा और पूरे देश में छात्राओं की सुरक्षा, गरिमा और संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में संघर्ष को और तेज किया जाएगा।

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