
विकास नगर शहरी क्षेत्र एवं व्यस्ततम रास्ते विकास नगर मै विकास का अभाव का जीता जागता उदाहरण
विकासनगर: कोतवाली रोड पर अतिक्रमण और खराब सड़कें बनीं छात्रों के लिए मुसीबत, समाजसेवी-नेता मौन
विकासनगर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक, कोतवाली रोड, इन दिनों बदहाली का शिकार है। यह सड़क कोतवाली, सेंट मैरी स्कूल, सेनगुइन स्कूल, दिनकर बिहार आवासीय कॉलोनी और अन्य बड़े शिक्षण संस्थानों को जोड़ती है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राओं का आवागमन होता है। लेकिन सीवर के विकास कार्य के कारण सड़क जगह-जगह खुदी हुई है, और बारिश के मौसम में पानी व कीचड़ से भरी यह सड़क बच्चों के लिए खतरे का सबब बन गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क पर अतिक्रमण ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है। फुटपाथों और सड़क के किनारों पर अवैध कब्जे के कारण पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। खासकर स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को कीचड़ भरे रास्तों और अतिक्रमण के बीच से गुजरना पड़ता है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में है।
वहीं, बाबूगढ़ शिवलोक कॉलोनी के पास इलायची रेस्टोरेंट से लगती 100 मीटर की गली पिछले छह महीनों से और भी बदतर हालत में है। यह गली जलभराव, कीचड़ और कचरे के ढेर के कारण नरक का दृश्य प्रस्तुत कर रही है। स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे को कई बार नगर पालिका के सामने उठाया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
चुनावी मौसम में समाजसेवियों की चुप्पी चुनावी मौसम के चलते क्षेत्र में समाजसेवी और नेताओं की बाढ़ सी आई हुई है, लेकिन इस ज्वलंत मुद्दे पर किसी की नजर नहीं पड़ी है। सड़क की बदहाली और अतिक्रमण की समस्या को लेकर न तो कोई जुझारू नेता सामने आया और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया। स्थानीय लोग निराश हैं कि तमाम बड़े-बड़े वादों और पोस्टर-बैनरों के बावजूद धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिख रहा।
नागरिकों की मांग, नेताओं से सवाल स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने मांग की है कि कोतवाली रोड और आसपास की गलियों को तत्काल दुरुस्त किया जाए। साथ ही अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि बच्चों और आम नागरिकों को सुरक्षित आवागमन का रास्ता मिल सके। सवाल उठता है कि क्या इस खबर के प्रकाशन के बाद कोई जुझारू नेता इस मुद्दे पर ध्यान देगा, या फिर "कर्मठ" और "संघर्षशील" जैसे शब्द केवल पोस्टरों तक ही सीमित रह जाएंगे?
आवाज उठाने का समय विकासनगर की जनता अब इंतजार कर रही है कि कोई जिम्मेदार नेता या समाजसेवी इस समस्या का समाधान करेगा। क्या कोतवाली रोड और शिवलोक कॉलोनी की गलियों का हाल बदलने के लिए कोई कदम उठाया जाएगा, या यह मुद्दा भी चुनावी शोर में दबकर रह जाएगा? यह देखना बाकी है।