
बाल संरक्षण पर बाल कल्याण पुलिस को रखनी होगी कड़ी नजर।
राजस्थान के जिला करौली में प्रशासन, पुलिस विभाग, बाल कल्याण समिति एवं एक्शनएड यूनिसेफ करौली के संयुक्त तत्वावधान पुलिस अधीक्षक सभागार में बाल संरक्षण मुद्दों पर बाल कल्याण पुलिसअधिकारियों की भूमिका पर आमुखिकरण कार्यशाला आयोजित की गई। तथा एक्शनएड यूनिसेफ जिला समन्वयक दिनेश कुमार बैरवा ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को बाल संरक्षण से संबंधित कानूनों और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देना और उन्हें बच्चों के प्रति संवेदनशील बनाना था।
कार्यशाला में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बाल कल्याण पुलिसअधिकारियों को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम, 2015, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 जैसे कानूनों के बारे में जानकारी दी गई। बाल कल्याण समिति सदस्य फजले अहमद ने बच्चों के अधिकारों, बाल शोषण और दुर्व्यवहार के विभिन्न रूपों, बाल विवाह की रोकथाम, और बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा कर पुलिस थानों में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी पर ध्यान केंद्रित किया और कार्यशाला में सीडब्ल्यूसी सदस्य दिलीप कुमार मीणा एवं फरीदा शाह ने भाग लेने वाले अधिकारियों को बच्चों के साथ संवेदनशील तरीके से पेश आने और उनके साथ काम करते समय किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का पालन करने पर जोर दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुमनाराम ने बाल पीड़ित एवं विधि से संघर्षरत बालको के प्रकरणों में अनुसंधान करने, बालश्रम, बाल तस्करी, भिक्षावृति आदि के मामलों में आमजन का सहयोग लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही पुलिस थानों पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के नाम एवंमोबाइल नंबर का बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। साथ ही सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र, सुरक्षा सखी, ग्राम रक्षकों के साथ बाल संरक्षण मुद्दों पर बैठक कर आमजन को जागरूक करने हेतु प्रेरित किये जाने के निर्देश दिए। सभी ने बाल संरक्षण मुद्दों पर गंभीर होकर कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यशाला में मानव तस्करी विरोधी यूनिट के रवि शर्मा कांस्टेबल एवं स्वयंसेवकों को अवगत कराया ।
*जिला न्यूज़ रिपोर्टर नरेश जाटव कैलादेवी ,करौली राजस्थान।*