
"बेटा लौट आया..." — जेल से रिहा होकर गांव पहुंचे नरेश मीणा, भावनाओं से भरा माहौल, बुजुर्ग मां का गले लगाकर आशीर्वाद
स्थान: लोकेश शर्मा मेहंदीपुर बालाजी
खबर विस्तार से:
जेल से रिहा होने के बाद जैसे ही नरेश मीणा अपने गांव समरातता पहुंचे, गांव में भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। पूरे गांव में जैसे त्योहार का माहौल बन गया। हर आंख नम थी, हर दिल भावुक।
भीड़ के बीच से एक बुजुर्ग महिला कांपते हाथों से आगे बढ़ीं और नरेश मीणा को गले से लगाकर कह उठीं —
"अब तो चैन से सोऊंगी बेटा!"
उनकी कांपती आवाज में ऐसा दर्द और सुकून था कि आसपास खड़े हर व्यक्ति की आंखें भर आईं। यह दृश्य सिर्फ एक रिहाई का नहीं, बल्कि मां और बेटे के रिश्ते की गहराई का उदाहरण बन गया।
इस भावुक क्षण में दिखाई दी एक मां की सच्ची ममता —
जो न राजनीति जानती है, न कानून की धाराएं।
उसे सिर्फ अपने बेटे की सलामती चाहिए थी।
गले लगते हुए मां ने बार-बार उसके गालों पर चुम्बन किए और दुआएं देती रहीं।
गांव में स्वागत जैसा उत्सव:
गांव के लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ नरेश मीणा का जोरदार स्वागत किया। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, सभी उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़े। किसी ने फूलों की माला पहनाई, किसी ने मिठाई खिलाई।
यह पल केवल एक व्यक्ति की वापसी नहीं थी, यह एक बेटे की ममता और गांव के लोगों के प्रेम की गूंज थी।
नरेश मीणा ने कहा:
"मैं आपके आशीर्वाद और प्यार से फिर लौटा हूं। अब गांव की सेवा करूंगा और समाज में अच्छा संदेश दूंगा।"