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गणेशपुरा गांव जलभराव की चपेट में: मुख्य मार्ग बना तालाब, ग्रामीणों में रोष।

गणेशपुरा (जिला डीडवाना कुचामन) | विशेष संवाददाता
गणेशपुरा गांव इस समय गंभीर जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। लगातार बारिश के चलते गांव का मुख्य मार्ग पूरी तरह पानी में डूब गया है, जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़क मार्ग का हाल किसी तालाब जैसा हो गया है, और उस पर से गुजरना न दोपहिया वाहन चालकों के लिए संभव है और न ही चारपहिया वाहनों के लिए।

प्रवेश द्वार पर ही लगा है जल का ताला

गांव का मुख्य प्रवेश मार्ग जो व्यापार, स्कूल, अस्पताल और दैनिक कार्य से जुड़ा हुआ है, वहां पर इतना पानी भर गया है कि पैदल चलना तक दूभर हो गया है। कई घरों में गंदा पानी घुस चुका है। बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों की स्कूल में उपस्थिति लगातार घट रही है, वहीं आपातकालीन स्थिति में मरीजों को बाहर ले जाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

हर वर्ष की तरह इस बार भी वही हालात, कोई स्थायी समाधान नहीं

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह समस्या कोई पहली बार नहीं हुई है। पिछले कई वर्षों से हर मानसून में यही स्थिति उत्पन्न होती है, लेकिन आज तक न पंचायत ने कोई स्थायी जल निकासी की योजना बनाई, न ही जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया।

गांववासियों ने बताया कि केवल अस्थायी मरम्मत और आश्वासनों के सहारे उन्हें हर बार छोड़ दिया जाता है, लेकिन जैसे ही बरसात आती है, सच्चाई सामने आ जाती है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से आग्रह

गांववासियों ने ग्राम सरपंच, क्षेत्रीय विधायक और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि वे तत्काल इस विषय में हस्तक्षेप करें। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।

स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति गंभीर

गंदे पानी के भराव से गांव में संक्रमण, डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। पानी में गिरकर चोटिल होने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है।

निष्कर्ष: केवल विकास के दावे नहीं, ज़मीनी सच्चाई का समाधान ज़रूरी

गणेशपुरा गांव की स्थिति आज इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कैसे सरकारी योजनाएं और विकास के दावे ज़मीनी सच्चाई से कोसों दूर हैं। गांव का मुख्य मार्ग पानी में डूबा है, घरों में गंदा पानी घुस रहा है, लोग बीमारियों और असुविधाओं से जूझ रहे हैं – फिर भी प्रशासनिक अमला चुप है। यह केवल एक सड़क का नहीं, बल्कि मानव अधिकार, नागरिक सुविधा और सुरक्षा का मामला है।

अगर अब भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई, तो आने वाले समय में यह एक बड़ा मुद्दा और प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अब वादे नहीं, परिणाम चाहिए।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को यह समझना होगा कि "विकास" गांव की गलियों में बहते पानी को रोकने में झलकता है।

रिपोर्ट: एम वाई बड़गुजर
स्थान: गणेशपुरा, जिला डीडवाना कुचामन
दिनांक: 12 जुलाई, 2025

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