
बाह तहसील में झोलाछाप पशु चिकित्सकों की भरमार, पशुपालकों की जान जोखिम में
बाह तहसील में झोलाछाप पशु चिकित्सकों की भरमार, पशुपालकों की जान जोखिम में
बाह (आगरा):
बाह तहसील क्षेत्र में इन दिनों बिना किसी डिग्री और पंजीकरण के झोलाछाप पशु चिकित्सकों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ये लोग खुद को डॉक्टर बताकर गांव-गांव घूमकर पशुओं का इलाज कर रहे हैं, जिससे न केवल मवेशियों की जान खतरे में पड़ रही है बल्कि पशुपालकों को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि ये झोलाछाप पशु चिकित्सक सस्ती दवाइयों और बिना जांच के इंजेक्शन लगाकर मवेशियों का इलाज करते हैं, जिससे कई बार पशुओं की मौत हो जाती है या उनकी हालत और बिगड़ जाती है। खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर लोगों के पास कोई वैध डिग्री या रजिस्ट्रेशन नहीं होता है।
भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1984 के अनुसार बिना पंजीकरण के कोई भी व्यक्ति पशु चिकित्सकीय कार्य नहीं कर सकता, लेकिन बाह क्षेत्र में यह कानून पूरी तरह निष्क्रिय दिख रहा है। पशुपालकों ने इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत करने की बात कही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और किसानों का कहना है कि संबंधित विभाग और प्रशासन को जल्द से जल्द ऐसे फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पशुपालकों और मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।