
नहीं थम रहा गुंडों का कहर, लगातार कर रहे मारपीट और लूटपाट, पुलिस प्रशासन की उदासीनता के कारण कानून का कोई भय नहीं
अररिया, ११ जुलाई । अररिया जिला के महलगांव थाना अंतर्गत बागनगर वार्ड नंबर 4 में गुंडों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां स्व. महेंद्र प्रसाद यादव के परिवार को जान से मारकर संपत्ति हड़पने का प्रयास किया जा रहा है । 10 जुलाई 2025 की सुबह गुद्दर यादव वो देवेंद्र यादव वो खगेन्द्र यादव, वो मिट्ठू यादव चारों पिता स्वर्गीय ताराचंद यादव, छोटू यादव पिता गुद्दर यादव, विक्रम कुमार उर्फ विक्की यादव वो निरंजन कुमार पिता देवेंद्र यादव, चित्रलेखा देवी पति देवेंद्र यादव, शशि किरण देवी पति खगेन्द्र यादव, गौरव कुमार पिता खगेन्द्र यादव, सोनी देवी पति भूषण कुमार उर्फ छोटू यादव, सभी निवासी ग्राम पोस्ट बागनगर, थाना-महलगांव, जिला अररिया बिहार आदि ने मिलकर 67 वर्षीय वृद्ध महिला सरस्वती देवी पति स्वर्गीय महेंद्र प्रसाद यादव और उनके नाती सत्यम कुमार उम्र 20 वर्ष को बुरी तरह से पीटा, घर में तोड़फोड़ की, मकान ढलाई करने के लिए रखें 10 लख रुपए नगद और लगभग 25 लख रुपए मूल्य के ज़ेबरात और जमीन संबंधी कागजात आदि लूट लिए और घर में तबाही मचाई। घटना की शिकायत टोल फ्री नंबर 112 पर किया गया। लेकिन 112 पर आने वाले अधिकारी घटनास्थल पर आए तो जरूर लेकिन उन्होंने कोई जांच नहीं किया बल्कि इन गुंडो के डर से वाहन पर बैठे-बैठे ही सब कुछ देख लिया और चलते बने। बाद में जब महेंद्र यादव के पुत्र चंद्रशेखर यादव जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, और पूर्णिया में रहते हैं। चंद्रशेखर यादव जब उक्त लोगों को समझाने के उद्देश्य से पूर्णिया से बागनगर पहुंचे तो अनीता देवी और उनके पुत्र शुभम कुमार ने उल्टे चंद्रशेखर यादव पर ही वार कर दिया। शुभम कुमार ने चंद्रशेखर यादव को मारने के लिए लकड़ी का एक संगीन टुकड़ा फेंका लेकिन यह टुकड़ा चंद्रशेखर यादव को नहीं लगकर शुभम कुमार की मां अनीता देवी को लग गया। इसके कारण अनीता देवी का सिर फट गया और उससे खून बहने लगा। अनीता देवी ने इसका आरोप चंद्रशेखर यादव पर लगा दिया।
चंद्रशेखर यादव अपनी मां सरस्वती देवी, भांजा सत्यम कुमार की पिटाई, लूटपाट और तोड़फोड़ के संबंध में महलगांव थाना में आवेदन दे दिया जिससे गुस्सा कर इन गुंडों ने एक बार फिर संध्या बेला में वृद्ध सरस्वती देवी और उनकी बेटी कंचन देवी के साथ मारपीट किया। जब इससे भी मन नहीं भरा तो मिट्ठू यादव ने अपने ससुराल से अपने साले शंभू यादव वो बमबम यादव पिता स्वर्गीय देवनारायण यादव , दोनों की बहन सुनिता देवी और उनका दामाद, दोनों की पत्नी, उनके ४ जवान लडके, ग्राम-बौसी, थाना - बौसी प्रखंड रानीगंज जिला अररिया,और ४-५ गुंडे को भी बुला लिया। रात के 9:00 बजे फिर इन सभी लोगों ने मिट्ठू यादव, छोटू यादव, गौरव यादव, विक्की यादव, खगेन्द्र यादव, शशि किरण देवी देवेंद्र यादव, सोनी देवी, अनीता देवी, शुभम कुमार आदि के साथ मिलकर 67 वर्षीय वृद्धा को मार - मार कर अधमरा कर दिया। समाज के लोग जब बीच -बचाव करने आए तो ये लोग उन्हें गाली -गलौज कर मारने -पीटने की धमकी देकर भगा देते । गांव में इन लोगों ने इतना आतंक मचा रखा है कि कोई भी इनके खिलाफ गवाही देने तक के लिए तैयार नहीं है। दबी जुबान में शिकायत करते हैं लेकिन कानून की उदासीनता और इन गुंडो की उद्दंडता के कारण समाज के लोग इन गुंडो के मुंह नहीं लगना चाहते। घटना की सूचना प्रशासन को दी गई लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण स्व . महेंद्र यादव का परिवार मौत के साए में जीने को मजबूर है।
इसी प्रकार की घटना इन लोगों ने 6 महीने पहले 23 जनवरी 2025 को किया था जिसकी सूचना आवेदन के रूप में वीडियो साक्ष्य के साथ थाना अध्यक्ष राजेश कुमार को दी गई थी लेकिन इन गुंडों पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण आज स्थिति बहुत ही नाजुक हो चुकी है। इन गुंडों और उनके रिश्तेदारों के सिर पर खून सवार है। किसी भी वक्त स्व . महेंद्र यादव की विधवा सरस्वती देवी, पुत्र चंद्रशेखर यादव और उनके परिवार की जान जा सकती है। ये गुंडे चंद्रशेखर यादव को जान से मारने के लिए घात लगाकर बैठे हुए हैं। ये उनकी मां को बेरहमी से इसलिए मार रहे हैं कि चंद्रशेखर यादव अपनी मां को बचाने के लिए जाए और यह गुंडे चंद्रशेखर यादव को जान सेमार दे।
पुलिस प्रशासन मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को नहीं समझ रही है इसलिए कानून का शासन स्थापित करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के कंधों पर है, वो अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन उस तरीके से नहीं कर रहे हैं जिस तरीके से उन्हें करना चाहिए। ऐसे में ही समाज में कानून का डर खत्म हो जाता है और गुंडो का मनोबल बढ़ जाता है। फिर कुछ नए गुंडों का जन्म होता है जो समाज और कानून के लिए चुनौती बन जाते हैं। हालांकि पुलिस गश्त की टीम घटनास्थल पर जाकर तीन बार निरीक्षण कर चुकी है लेकिन इन गुंडो के खिलाफ कड़ा एक्शन नहीं लेने के कारण इनके दिमाग से कानून का डर खत्म हो चुका है। आज सुबह तड़के फिर गाली गलौज शुरू हो गई और सरस्वती देवी को धमकाया गया कि अपने बेटे को तुम बुलाओ नहीं तो तुम्हारे घर में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा देंगे। देखना है कि कानून इन गुंडो को कैसे कानून के दायरे में रहने और जीने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती है।