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मतलब काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती बिनावर बिजली घर की दुर्दशा देख भड़के नंदकिशोर चौहान

शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने बना कर रख दिया है आम जनता का मजाक-
नन्द किशोर चौहान (नन्दू भइया)
उत्तर प्रदेश का बड़ा सुन्दर जनपद बदायूं और उसी जनपद की एक विधान सभा सीट बदायूं का एक कस्बा बिनावर और उसी कस्बे में स्थित एक बिजलीघर जिसके भरोसे बिनावर कस्बे सहित आसपास के लगभग 90 से 100 गांव हैं और ये कस्बे का बिजलीघर पूरे साल तो न किसी को सुनाई देता है और न ही दिखाई देता है लेकिन हर साल जैसे ही बरसात का मौसम आता है ये ध्रुवतारे की तरह दूर से दिखाई देने लगता है क्योंकि जैसे ही बरसात का मौसम आता है और जहां चार बूंदें पड़ीं और बिजलीघर में भर जाता है पानी फिर होता है भयंकर रूप से रण्डी रोना और ये कोई एक दो साल की बात नहीं बल्कि हर साल की बात है लेकिन आज तक कभी भी किसी अधिकारी या जन प्रतिनिधि ने ये नहीं सोचा कि किसी तरह से इस समस्या से छुटकारा पा लिया जाए जैसे बिजली घर के पास में जो गड्ढे हैं जैसे जहां किसान यूनियन का धरना होता है या जिस जमीन में सरसों बोई जाती है उस में अंडरग्राउंड बोरिंग करा दिए जाएं जिससे चाहे कितना भी पानी बरसे सारा का सारा जमीन के अंदर चला जाएगा या फिर बिजली घर को किसी ऊंची जगह पर शिफ्ट कर दिया जाए लेकिन नहीं अगर ये सब हो गया तो आने वाले समय मे यह मुद्दा ही खत्म हो जाएगा और ये होना जरूरी भी है क्योंकि रोड लगातार ऊंची हो रही है और बिजली घर नीचे जा रहा है बिजली घर के कर्मचारी इतने बढ़िया हैं कभी भी बेचारे दिन में पानी निकालने का काम नहीं करते कल रात में दस बजे पंपसेट चला कर पानी निकाला जा रहा था मेरा इस मामले में केवल यही कहना है कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं खोजा गया तो कुछ लोग अपने मोटे मोटे पेट पर हाथ फिराते रह जाएंगे और जनता हर साल एक ही प्रकार के झांसे में नहीं आएगी मतलब काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती।

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