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गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विद्यालय में गुरू पूजन और महर्षी वेदव्यास पूजन किया गया

आज देश भर में जगह - जगह गुरू पूर्णिमा का त्योहार मनाया गया। आज ही के दिन महर्षी वेदव्यास जयंती भी मनाई जाती है। इस अवसर पर भोजपुर जिले के विभिन विद्यालयों और महाविद्यालयों में गुरू पूर्णिमा पर पूजन समारोह आयोजित किया गया। बागर गांव के सरस्वती शिशु मंदिर में भी पूजन समारोह आयोजित किया गया। विद्यालय परिवार की तरफ से महर्षी वेदव्यास जयंती मनाई गई। जयंती का शुभारंभ प्रधानाचार्य विकास कुमार, अचार्य उपेन्द्र राय, विजय कुमार, सुरेंद्र शर्मा और राम प्रताप सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रधानाचार्य विकास कुमार ने गुरू पूर्णिमा के महत्त्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को गुरू पूर्णिमा के साथ महर्षी वेदव्यास जयंती मनाई जाती है। महर्षी वेदव्यास को कृष्ण द्वैपायन के नाम से भी जाना जाता है। गुरू का महत्त्व सबके जीवन में सर्वोपरि है। गुरू अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। आचार्य उपेन्द्र राय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विद्यालय के छात्र भैया पार्थ ने भी अपने छोटे से संभाषण के द्वारा गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। संचालन जयंती प्रमुख अचार्य राम प्रताप जी के द्वारा संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के सभी भैया बहने एवं अचार्य बंधु व भगिनी उपस्थित रहे। कार्यक्रम समापन के पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया।

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