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लोकतंत्र की हत्या: व्यावसायिक शिक्षकों के शांतिपूर्ण धरने पर लगी रोक–मोनू चौधरी, अध्यक्ष युवा हु़कार संगठन

व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति और नियमित जॉइनिंग की मांग को लेकर 10 जुलाई से जयपुर के शहीद स्मारक पर एक शांतिपूर्ण धरने की योजना बनाई गई थी, जिसकी विधिवत प्रशासन से अनुमति भी प्राप्त की गई थी। यह आंदोलन शिक्षकों के अधिकार और सम्मानजनक भविष्य की मांग के लिए किया जाना था।

लेकिन धरने से ठीक पहले प्रशासन द्वारा अनुमति रद्द कर दी गई, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह निर्णय लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने के अधिकार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

इस संबंध में युवा हु़कार संगठन के अध्यक्ष मोनू चौधरी ने बताया कि मामले को लेकर बातचीत कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी से हुई, जिन्होंने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यक्तिगत रूप से मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि "सरकार आपकी समस्याओं को लेकर संवेदनशील है और आपके साथ न्याय अवश्य होगा।"

चौधरी ने कहा की समस्त व्यावसायिक शिक्षकों से कहना चाहता हूँ कि आप घबराएँ नहीं। हमारा संघर्ष सत्य और संवैधानिक अधिकारों पर आधारित है, और जब तक हर शिक्षक को उसका हक और स्थायित्व नहीं मिल जाता, हमारी आवाज़ शांतिपूर्ण तरीक़े से उठती रहेगी।

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