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स्मार्ट मीटर में रीडिंग गड़बड़ी उपभोक्ता को थमाया जा रहा है हजारों रुपए के बील

नवातला जैतमाल { बाड़मेर} वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही बिजली बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि ने आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है। यह समस्या किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर से संबंधित शिकायतों की बाढ़ आ गई है।

पुराने मीटर पूरी तरह कार्यशील होने के बावजूद, कई स्थानों पर जबरन स्मार्ट मीटर थोपे जा रहे।परिणामस्वरूप, बिजली बिलों में दो से तीन गुना तक की वृद्धि देखी गई, जो मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए असहनीय हो गई है। जब आमजन इस मुद्दे को अधिकारियों के समक्ष उठाते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि मीटर लैब में जाँच के बाद ही लगाए जाते हैं। हालांकि, यह जवाब संतोषजनक नहीं है, क्योंकि हर जिले से मीटर रीडिंग और बिलिंग में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।

स्मार्ट मीटर के कारण बढ़े बिलों ने पहले से ही महंगाई से जूझ रहे परिवारों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। आमजन प्रशासन से इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। यह स्थिति न केवल आमजन के विश्वास को कमजोर कर रही है, बल्कि उनके दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर रही है। इस गंभीर समस्या का तत्काल समाधान आवश्यक है।

प्रदेश सरकार से विनम्र आग्रह है कि वह एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करे, जो स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली और बिलिंग प्रक्रिया की पारदर्शी जाँच करे। इस कमेटी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मीटर सही ढंग से काम कर रहे हैं और बिलिंग में कोई अनियमितता नहीं है। साथ ही, सरकार को उपभोक्ताओं को इस अनुचित आर्थिक बोझ से राहत प्रदान करने के लिए ठोस नीतियाँ लागू करनी चाहिए।
स्मार्ट मीटर तकनीकी प्रगति का प्रतीक हो सकते हैं, लेकिन यदि वे जनहित के अनुकूल न हों, तो उनका उद्देश्य विफल हो जाता है। सरकार और संबंधित विभाग को आमजन की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके न केवल वर्तमान संकट का समाधान किया जा सकता है, बल्कि भविष्य में ऐसी समस्याओं की पुनरावृत्ति भी रोकी जा सकती है।

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