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गुजरात में रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ीं, फसलें हो रही बर्बाद

गुजरात में रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ीं, फसलें हो रही बर्बाद

अहमदाबाद/गुजरात, जुलाई 2025:
गुजरात के कई जिलों में पिछले 20 दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन तो प्रभावित हुआ ही है, किसानों की मुसीबतें भी कई गुना बढ़ गई हैं। खेतों में पानी भर गया है, जिससे खरीफ की फसलें – जैसे कपास, मूंगफली, मक्का और बाजरा – बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, कुछ जगहों पर तो खेतों में इतना पानी जमा हो गया है कि ट्रैक्टर और अन्य मशीनें चलाना मुश्किल हो गया है। किसान रात-दिन खेतों की निगरानी कर रहे हैं, लेकिन निरंतर होती बारिश के कारण कुछ कर भी नहीं पा रहे।

स्थानीय प्रशासन भी चिंतित
राज्य सरकार और स्थानीय कृषि विभाग ने हालात की समीक्षा शुरू कर दी है। कुछ जगहों पर अधिकारियों की टीमों ने दौरा कर नुकसान का आकलन भी किया है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले 4-5 दिनों में बारिश नहीं रुकी, तो फसल को 70% तक का नुकसान हो सकता है।

किसानों की गुहार
कई किसानों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। किसान संगठनों का कहना है कि फसल बीमा योजना का लाभ सभी को नहीं मिला है, और जिन किसानों ने बीमा कराया भी है, उन्हें पिछले वर्षों का भुगतान अब तक नहीं मिला।

लोगों का जनजीवन भी अस्त-व्यस्त
बारिश ने सिर्फ खेती को ही नहीं, आम लोगों के जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कों पर पानी भरने से यातायात ठप पड़ा है, कई गांवों में बिजली की आपूर्ति भी बाधित है। स्कूलों में उपस्थिति घटी है और छोटे व्यवसायियों को भारी नुकसान हो रहा है।

मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग ने अगले 3-4 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। हालांकि भारी बारिश की चेतावनी फिलहाल नहीं दी गई है, लेकिन बादल लगातार बने रहने के कारण चिंता बनी हुई है।


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निष्कर्ष:
गुजरात के किसानों के लिए यह बारिश वरदान नहीं, अभिशाप बनती जा रही है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत प्रभाव से राहत पैकेज की घोषणा करे और खेतों से पानी निकालने के लिए मशीनरी और संसाधन उपलब्ध कराए। वरना आने वाले दिनों में यह स्थिति ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट बन सकती है।

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