
राजकोट जेतपुर सिक्स लेन हाईवे के विरोध में राजकोट कांग्रेस और जिल्ला कोंग्रेस ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन। 'रोड नहीं तो टोल नहीं' की मांग
राजकोट-जेतपुर सिक्स लेन हाईवे पर चल रहे काम के खिलाफ कांग्रेस ने हंगामा किया था। कांग्रेस ने 'रोड नहीं तो टोल नहीं' के नारे के साथ विरोध जताया था। धीमी गति से हो रहे काम के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या से नागरिक तंग आ चुके हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि जब तक सड़क पूरी नहीं हो जाती, तब तक टोल न वसूला जाए। कांग्रेस कार्यकर्ता तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
भारत परिमल योजना के तहत राजकोट जेतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 को 4 लेन से 6 लेन में परिवर्तित करने का काम पिछले डेढ़ साल से चल रहा है। हालांकि, आज तक छह लेन बनाने का काम पूरा नहीं हुआ है। इसके कारण राजकोट से जूनागढ़ और राजकोट से पोरबंदर जाने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। साथ ही, राजकोट जेतपुर के बीच महज 60 किमी में दो टोल प्लाजा हैं। इस प्रकार, लोगों द्वारा सालाना करोड़ों रुपये टोल चुकाने के बावजूद, राजकोट जेतपुर राजमार्ग वर्तमान में जर्जर हालत में दिखाई देता है। उस समय, राजकोट शहर कांग्रेस और गुजरात प्रदेश कांग्रेस ने राजकोट कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया था। कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी, लालजी देसाई, पालभाई आ॑बलीया राजकोट शहर कोंग्रेस के प्रमुख राजदीपसिंह जाडेजा और जिला के प्रमुख हितेशभाई वोरा और अन्य नेताओं के साथ राजकोट शहर कांग्रेस और जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों और नेताओं ने आज जिल्ला कलेक्टर का घेराव किया। साथ ही, 'सड़क नहीं, तो टोल नहीं' का नारा भी लगाया गया। उस समय मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेताओं ने लोगों की दुर्दशा की तस्वीर पेश की। साथ ही सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ कड़ा विरोध भी दर्ज कराया। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने पटीया लपेकर सांकेतिक विरोध भी दर्ज कराया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि खस्ताहाल सड़कों की वजह से अक्सर नेशनल हाईवे पर वाहन चालकों की दुर्घटना में मौत हो जाती है।
शनिवार रात गोंडल से रिबड़ा के बीच हजारों वाहन चालकों को भूखे-प्यासे 3 घंटे तक भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रिबड़ा टोल प्लाजा पर एनएचएआई और टोल संचालकों के अक्षम प्रबंधन के कारण वाहनों के लंबे काफिले रुक गए और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। 5 किलोमीटर से अधिक वाहनों की कतारें लग गईं और कई एंबुलेंस भी फंस गईं, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ गई।
यातायात को सुचारू करने का मुख्य कार्य एनएचएआई और जिला पुलिस विभाग के जिम्मे आता है, फिर भी दोनों विभाग लापरवाही दिखाकर घटना को गंभीर बनाने में सहयोगी बन गए हैं। हालांकि लोग घंटों जाम में फंसे रहे, लेकिन समय रहते कोई व्यवस्था नहीं देखी गई और वाहन चालक नाराज हो रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह से लगातार उठ रहे हैं आवाज: पिछले एक सप्ताह से राजकोट-जेतपुर हाईवे पर टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम, खराब प्रबंधन और घोर अव्यवस्था के मुद्दे पर लोग, विपक्षी दल और विभिन्न उद्योग संगठन लगातार आवाज उठा रहे हैं। शिकायतें की जा रही हैं, फिर भी जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं और कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।