
शहादत दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न
भरौली - बलिया(उ. प्र.): क्षेत्र के ग्राम सभा अमाँव में पिछले चार दिनों से चल रहा यादगार - ए - हुसैन (मोहर्रम) का कार्यक्रम आज 6 जुलाई 2025 को देर शाम संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम कर्बला की जंग में शहीद हुए अहले बैत की याद में हर साल मुसलमानों द्वारा आयोजि किया जाता है। यह जंग 680 ईस्वी में पैगंबर - ए - इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा स. व. के नवासे हज़रत ईमाम हुसैन र० अन्हु और सत्ता के लालची , व्यभिचारी शासक यज़ीद के बीच हुई थी। जिसमें ईमाम हुसैन और उनके परिवार वालों को शहादत मिली। ये एक ऐसा जंग था जो न्याय और अन्याय के बीच हुआ। अन्याई खलीफा यज़ीद की सेना ने 6 माह के बच्चे तक को एक बूंद पानी नहीं दिया और उस मासूम बच्चे को भी शाहिद कर दिया। यज़ीद चाहता था कि ईमाम हुसैन उसका समर्थन करें। इसके लिए उसने ईमाम हुसैन को बहुत सारा मालों दौलत/ तोहफ़े की भी पेशकश की । लेकिन ईमाम हुसैन उसके अन्याय के ख़िलाफ़ अड़े रहे और यज़ीद का समर्थन करना उचित नहीं समझे । तब यज़ीद और उसकी सेना ने एक चाल चली और ईमाम हुसैन र० अन्हु को कूफ़ा शहर के लोगों से उनका समर्थन देने और कूफ़ा बुलाने को कहा। जब ईमाम हुसैन मदीना से कूफ़ा के लिए अपने साथियों के साथ निकले तो उन्हें कूफ़ा शहर से पहले कर्बला में ही रुकना पड़ा जहां ये जंग हुई। जिसमें ईमाम हुसैन र० अन्हु और उनके साथियों को शहीद कर दिया गया। यह जंग कर्बला के जंग के नाम से जाना गया। तबसे आज तक उर्दू महीना मोहर्रम के 1 से 10 तारीख तक शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसमें 8, 9 और 10 तारीख को ताजियों के साथ जुलुस निकलता है। लोग मातम करते हैं। लाठी, डंडे , और तलवारों का खेल भी होता है। ग्राम सभा अमाँव में यह कार्यक्रम मुबारक अली और इसराइल अंसारी के देख रेख में संपन्न हुआ। मुबारक अली , अब्दुल अंसारी , शोएब अंसारी (सोनू) और सरताज अंसारी ने नौहा और मर्सिया पढ़ कर माहौल को ग़मगीन बना दिया । वहीं बीच बीच में शोएब अंसारी (सोनू) द्वारा कर्बला की दास्तां भी बयां किया गया।जिसमें ग्राम सभा अमाँव के तमाम हिन्दू - मुस्लिम, प्रधान प्रतिनिधि कृष्णदेव राय , पत्रकार मोमशाद अहमद और स्थानीय पुलिस प्रशासन का भी सराहनीय योगदान रहा ।