logo

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो : स्वामी विवेकानंद

स्वामी जी की पुण्यतिथि पर हमें उनके विचारों को अपने में समाहित करते हुए संकल्प लेना चाहिए : सुरेश चंद शर्मा

संवाददाता रितीक शर्मा

अलवर। संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति की सुगंध बिखरने वाले युवा संन्यासी, विद्वान, युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन, स्वामी जी ने एक ओर देशवासियों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित किया तो दूसरी ओर युवाओं में नैतिक बल और आत्मविश्वास को जागृत किया।
वे एक महान भारतीय संत, दार्शनिक और राष्ट्रवादी थे। स्वामी जी का विश्वास था कि प्रत्येक आत्मा में ईश्वरीय शक्ति निहित है और इस शक्ति को जागृत करना ही मानव जीवन का उद्देश्य है। "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो" यह उनका मंत्र है जो हमें आत्मविश्वास और कर्मठता की ओर प्रेरित करता है। खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में उनके ऐतिहासिक भाषण ने पश्चिम को भारतीय आध्यात्मिकता का दर्शन कराया। उन्होंने युवाओं को आत्मनिर्भरता साहस और निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएं हमें सिखाती है कि आध्यात्मिकता केवल ज्ञान और पूजा तक सीमित नहीं बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में सत्य करुणा और निष्ठा के साथ जीने का मार्ग है उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की जो सामाजिक सेवा शिक्षा और धार्मिक सद्भाव के लिए कार्य करता है।
सर्व समाज जागृति संघ के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश चंद शर्मा का कहना है कि स्वामी जी की पुण्यतिथि पर हमें उनके विचारों को अपने में समाहित करते हुए संकल्प लेना चाहिए कि समाज के उत्थान के लिए कार्य करें। उनकी अमर वाणी हमें याद दिलाती है तुम आत्मा हो तुम अजर अमर हो तुम्हें कोई बंधन बांध नहीं सकता। आइए स्वामी जी की पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके दिखाएं मार्ग पर चलने का प्रण ले।

0
99 views