logo

आदिवासी समाज ने बस्तर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, वन प्रबंधन समिति में नोडल अधिकारी के बदलाव पर नाराजगी

जगदलपुर:वन प्रबंधन समिति को लेकर जारी एक आदेश के खिलाफ आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. दरअसल, वन अधिकार पपत्र में वन प्रबंधन समिति का नोडल अधिकारी वन विभाग से होने का आदेश जारी हुआ है. गांव वालों का कहना है कि यदि वन विभाग से नोडल अधिकारी होगा तो ग्रामीण प्रबंधन नहीं कर सकेंगे.

क्या है पूरा मामला:आदिवासी बहुल क्षेत्र बस्तर में वनों को सुरक्षित रखने के लिए वन प्रबंधन समिति का निर्माण किया गया. ताकि आदिवासी अपने वनों और अपने इलाकों को सुरक्षित रख सकें.अब इस समिति में नोडल अधिकारी वन विभाग होने का आदेश जारी हुआ है. इस पत्र से आर्थिक नुकसान भी संभव है क्योंकि वन अधिकार के तहत वनोपज की खरीदी भी ग्रामीण करते थे. अब जब तक वन विभाग से पूछा नहीं जाएगा तब तक वनोजप का संग्रहण नहीं कर सकेंगे.15 मई 2025 को वन विभाग ने एक लेटर जारी किया था.इसमें विभाग वन अधिकार कानून का नोडल अधिकारी बनने का दावा कर रहा है.बस्तर में कई गांव सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्राप्त करके गांव और जंगल का प्रबंधन कर रहे हैं. अब नए आदेश के अनुसार कोई भी ग्रामीण, संस्था या एजेंसी कार्य नहीं कर पायेगी- लक्ष्मीनाथ कश्यप, जिला अध्यक्ष, ग्राम सभा

यदि मांगे 1 महीने के भीतर पूरी नहीं होती तो महा ग्रामसभा के बैनर तले उग्र आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल आज 32 गांव के लोग आए हैं. आगामी दिनों में सभी गांव के लोग धरना में शामिल होंगे- मानसिंह बघेल, धूड़मारास धुरवा डेरा के संचालक। आदेश से और क्या परेशानी है:ग्रामीणों का कहना है कि, पौधा लगाने में भी दिक्कतें होंगी. इसके अलावा वन उत्पाद की खरीदी के लिए क्रय मूल्य जारी किया जाता है लेकिन खरीदी के लिए वन धन केंद्र या समिति तैयार नहीं है. उसका संचालन भी अच्छे से किया जाए ताकि बस्तर के आदिवासी महुआ, टोरा, ईमली जैसे अन्य उत्पादों को सहीं दाम में बेच सकें.

0
197 views