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लगन, अनुशासन और सतत प्रयास से तय होते हैं ऊंचे मुकाम- प्राचार्य डॉ. जीएस चौहान।

प्रवेश उत्सव 2025 का समापन
विद्यार्थियों ने विज्ञान प्रयोगशाला, ग्रंथालय, ऑडिटोरियम, खेल मैदान व अन्य प्रमुख स्थलों का किया शैक्षणिक भ्रमण
खरगोन। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में आयोजित प्रवेश उत्सव 2025 का समापन समारोह उत्साह, मार्गदर्शन और प्रेरणा से परिपूर्ण रहा। इस अवसर पर नवप्रवेशित विद्यार्थियों को महाविद्यालय की अकादमिक, सह-पाठ्यक्रम एवं प्रशासनिक गतिविधियों से परिचित कराया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. जी.एस. चौहान ने विद्यार्थियों को लगन, निरंतरता और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। उन्होंने जीवन के अनुभवों के माध्यम से यह बताया कि परिश्रम और अनुशासन से हर लक्ष्य संभव है। क्रीड़ा अधिकारी डॉ. गगन चौधरी ने विद्यार्थियों को खेल सुविधाओं से परिचित कराते हुए बताया कि महाविद्यालय में इंडोर और आउटडोर दोनों तरह की खेल गतिविधियों की समृद्ध व्यवस्था है। उन्होंने खेलों के अनुशासन, स्वास्थ्य लाभ और करियर निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ. सुनैना चौहान ने सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि छात्र रंगमंच, नृत्य, संगीत और लेखन जैसे क्षेत्रों में भी जिला एवं राज्य स्तर तक पहुँच बना सकते हैं।
डॉ. रंजीता पाटीदार ने एनसीसी की भूमिका बताते हुए छात्राओं को इस इकाई से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एनसीसी से मिलने वाला प्रशिक्षण न केवल देशसेवा की दिशा में मार्ग खोलता है, बल्कि नेतृत्व, अनुशासन और आत्मबल में भी वृद्धि करता है। प्रो. संतोष कुमार राठौड़ ने सूचना के अधिकार अधिनियम की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। ग्रंथपाल गोविंद यादव ने ग्रंथालय में उपलब्ध संसाधनों, पुस्तकों, पत्रिकाओं एवं ई-कंटेंट के उपयोग के बारे में बताया, जिससे विद्यार्थियों को अध्ययन एवं शोध में सहूलियत मिल सके। प्रो. दिनेश चौधरी ने भी विद्यार्थियों को जीवन में सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
विद्यार्थियों को विज्ञान प्रयोगशालाओं, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ, युवा संसाधन प्रकोष्ठ, इंडोर ऑडिटोरियम, खेल मैदान, ओपन जिम, भारत माता सभागार तथा प्राचार्य कक्ष का भी भ्रमण कराया गया। इस समापन दिवस ने विद्यार्थियों के मन में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को मजबूती दी। साथ ही उन्हें महाविद्यालय जीवन के विविध आयामों से रुबरु कराया।

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