
जिले के इतिहास मे दर्ज हुई भगवान् जगन्नाथ कि भव्य रथयात्रा , आस्था के सैलाब के आगे फीकी पड़ी बारिश कि बूंदें
भक्ति, समरसता और आनंद के उत्सव मे डूबा डिंडोरी
डिंडोरी -- गुरुवार के दिन जिले के इतिहास ने एक नया अध्याय जुड़ गया, और वह अध्याय है भगवान् जगन्नाथ स्वामी कि भव्य रथयात्रा का, जिसमे आस्था के सैलाब के आगे बारिश कि बूंदें भी फीकी पड़ गई। दरअसल अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ इस्कॉन के द्वारा भगवान् जगन्नाथ कि भव्य रथ यात्रा कम्पनी चौक पुरानी डिंडोरी से चंद्रविजय कॉलेज वार्ड नंबर - 1 सुबखार तक निकाली गई। जिसमे नगरसियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया और भगवान् जगन्नाथ के भक्ति रस मे डूबे नजर आये। आलम यह था कि महज तीन किलोमीटर कि यात्रा को पूरा करने मे 5 से 6 घंटे का समय लगा, लेकिन आस्था का सैलाब ऐसा था कि रुकने का नाम ही नहीं लिया और शान्ति - सौंहाद्र के बीच यात्रा पूर्ण हुई।
भक्ति रस मे डूबे भगवान् जगन्नाथ के भक्त -- रथ यात्रा के दरमियाँ बारिश कि बूंदो कि मद्धम फुहार और उस पर ढ़ोल - धमाल के बीच माइक पर हरे रामा - हरे कृष्णा, कृष्णा - कृष्णा हरे - हरे के संगीत ने धर्मप्रेमियों को भक्तिरस मे डूबने विवस कर दिया। और इस भक्तिमय माहौल मे क्या बुजुर्ग, क्या युवक और क्या युवतियाँ भावविभोर हो सम्पूर्ण यात्रा मे नाचते - झूमते रहे।
जगह - जगह हुआ यात्रा का स्वागत -- हालांकि जिले के गोरखपुर कस्बे मे प्रत्येक वर्ष भगवान् जगन्नाथ कि भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, लेकिन जिला मुख्यालय मे यह पहली दफा है जब धर्मप्रेमी अंतरराष्ट्रीय कृष्णाभावनामृत संघ इस्कॉन द्वारा निकाली जाने वाली भव्य रथयात्रा का बेसब्री से इंतज़ार करते रहे, जिसकी तैयारियां विगत एक माह से निरंतर चल रही थी। फिर संघ के पदाधिकारियों ने जिले के गाँव - गाँव से धर्मप्रेमियों को आमंत्रित भी किया था। और यही कारण है कि स्थानीय धर्मप्रेमी भी इस रथयात्रा का पुण्यलाभ लेने कोई भी मौका गँवाने को तैयार नहीं थे सो उन्होंने जगह - जगह भण्डारे के प्रसाद का वितरण किया। किसी ने भगवान् जगन्नाथ को 56 भोग लगाए तो किसी ने फल - फूल और पूजा कि थाली ले पूजा - आरती कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
रथ खींचने लगी होड़ -- भगवान् जगन्नाथ के धाम जगन्नाथ कि रथयात्रा सम्पूर्ण विश्व मे चर्चित है, और बिल्कुल उसी थीम पर जिले कि इस ऐतिहासिक रथयात्रा को रखा गया था. इसके लिये बकायदा इस रथ को उज्जैन से तैयार कर धर्मनगरी डिंडोरी लाया गया था।बता दें कि यह रथ जब उज्जैन से चला तो डिंडोरी पहुँचते - पहुँचते लगभग 20 से अधिक स्वागत स्थलों पर भगवान कि आरती, 56 भोग और पुष्पमाला व रंगोली सजाकर इसका स्वागत किया गया था। पंद्रह फ़ीट कि विशेष ऊँचाई वाले इस रथ मे 10 फ़ीट ऊँचा समायोज्य गुम्बद भी था। और जब यह रथ भगवान् जगन्नाथ को लेकर शहर के मध्य से गुजरा तो धर्मप्रेमियों मे रथ खींचने कि होड़ सी मच गई, और फिर बारी - बारी से भक्तों ने रथ कि रस्सी पकड़कर रथ को खींचकर पुण्यलाभ अर्जित किया।
चप्पे - चप्पे पर तैनात रही पुलिस -- भक्ति, समरसता और आंनद के इस उत्सव कि इस यात्रा को सार्थक बनाने मे जहाँ स्थानीय नागरिकों, धार्मिक संगठन, समितियों और धर्मप्रेमियों ने बढ़चढ़कर शिरकत कि तो वहीँ पुलिस प्रशासन ने भी शहर मे शान्ति व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने पुख्ता इंतज़ाम किये हुये थे, और शहर के चप्पे - चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात कर रखे थे.ताकि किसी प्रकार कि अप्रिय वारदात घटित ना होने पाये।