
जिले के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है,
सोनभद्र : जिले के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ अंधविश्वास के जाल में फँसकर एक महिला को ‘डायन’ बताकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था.इस अमानवीय अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए एक 8वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा ने 13 किलोमीटर का लंबा सफ़र अकेले पैदल तय किया और थाने पहुँचकर पुलिस से इंसाफ़ की गुहार लगाई.बच्ची की मासूम आँखों से बहते आँसू और उसकी सच्ची पीड़ा ने पुलिसकर्मियों को भी स्तब्ध
दुद्धी कोतवाली पहुँचते ही बच्ची फूट-फूटकर रोने लगी.उसने पुलिसकर्मियों से कहा, “साहब, मेरी चाची मेरी माँ को डायन कहती है, उसे गालियाँ देती है और मारती है। जब मैंने इसका विरोध किया, तो मुझे भी मारा गया.मेरी माँ कोई डायन नहीं है, वह बस सब कुछ सहती रहती हैं.” बच्ची की बातें सुनकर वहाँ मौजूद पुलिसकर्मी भी कुछ क्षण के लिए सन्न रह गए। इस छोटी सी बच्ची का अपनी माँ के लिए इतना बड़ा कदम उठाना, हर किसी को भावुक कर गया.
पुलिस ने तुरंत बच्ची को ढाँढस बंधाया और पूरे मामले की जानकारी ली.बच्ची ने अपनी आपबीती लिखित में पुलिस को सौंपी.पुलिस ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल जाँच शुरू करने का भरोसा दिलाया है.थाने के प्रभारी ने बताया कि बच्ची की शिकायत को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है और जाँच टीम को तुरंत गाँव भेजा गया है ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में अंधविश्वास कितनी गहराई से फैला हुआ है.यह न केवल महिलाओं की अस्मिता को चोट पहुँचाता है, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है.हालांकि, इस मामले में पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएँगे और पीड़िता परिवार को हरसंभव सुरक्षा व न्याय दिया जाएगा.इस बहादुर बेटी का यह कदम समाज में बदलाव की एक छोटी सी, पर महत्वपूर्ण, उम्मीद जगाता है.