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विश्व प्रसिद्ध बासुकिनाथ धाम में श्रावण के राजकीय मेला 2025 के तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन दुमका ।

ग्यारह जुलाई के दिन विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला के तैयारियों में जिला प्रशासन दुमका के पदाधिकारियों द्वारा युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है ।ज्ञातव्य हो कि राजकीय श्रावणी मेला में प्रत्येक वर्ष देश विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जलार्पण को लेकर उमड़ती है । बिहार के सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ के उत्तरवाहिनी गंगा घाट से सभी श्रद्धालु कांवर में गंगा जल लेकर कांवर को कंधे पर डाल कर 105 किमी की दूरी पैदल चलकर पहले बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते है । वहां रावणेश्वर बैद्यनाथ को जलार्पण कर वहां से 45 किमी की दूरी तय कर बाबा बासुकिनाथ के फौजदारी दरबार पहुंचते हैं । कांवर जल लेके बैद्यनाथ धाम और बासुकिनाथ धाम पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं को कांवरिया कहा जाता है । गंगाघाट से कांवर लेके जब लाखों कांवरिया केसरिया रंगो के लिबास में जब बोलबम बोलबम के नारों के बीच बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं तो कांवरियों का भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा एवं भक्ति देखते ही बनती है । बैद्यनाथ धाम देवघर एवं बासुकिनाथ धाम के श्रावणी मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त है । इसके मुखिया झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन है। श्रावणी ऐला में आने वाले लाखों कांवरियों को सुलभ तरीके से जलार्पण करने से लेकर उनकी सुरक्षा,आवासन,स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाएं देना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता होती है । इस वर्ष का श्रावणी मेला 2025 में आगंतुक लाखों कांवरिया श्रद्धालुओं की सेवा एव सुविधाओं में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है ।

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