
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के बढ़ते नियंत्रण पर सवाल, क्या खतरे में है विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता?
नई दिल्ली, 2 जुलाई 2025: देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी, बॉम्बे यूनिवर्सिटी, पटना यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की स्वायत्तता पर सवाल उठ रहे हैं। प्रख्यात शिक्षाविद् प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कुणाल कामरा के शो में कहा कि इन विश्वविद्यालयों की शानदार विरासत और स्वतंत्रता अब खतरे में है।
प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बताया कि पहले इन विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम तैयार करने और पढ़ाने के तौर-तरीकों में पूरी आजादी थी। प्रत्येक विश्वविद्यालय की अपनी अनूठी संस्कृति और इतिहास रहा है। लेकिन पिछले एक दशक में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने इनके कामकाज पर नियंत्रण बढ़ा दिया है। अब ये विश्वविद्यालय UGC के निर्देशों के अनुसार ही काम करने को मजबूर हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी और बॉम्बे यूनिवर्सिटी, जिनकी संस्कृति और इतिहास अलग-अलग हैं, उन पर एकसमान नियम कैसे लागू हो सकते हैं? प्रोफेसर ने एक शो में कहा, "पूरी दुनिया में ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और हार्वर्ड जैसे शीर्ष विश्वविद्यालय अपने कामकाज का अधिकार किसी और को नहीं सौंपते। लेकिन हिंदुस्तान में पहली बार ऐसा हो रहा है कि UGC विश्वविद्यालयों को बता रहा है कि उन्हें कैसे काम करना है।"
प्रोफेसर अपूर्वानंद ने चेतावनी दी कि यह शिक्षा के क्षेत्र में स्वायत्तता और स्वतंत्रता के खात्मे की शुरुआत हो सकती है। उनके इस बयान ने शिक्षा जगत में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। क्या विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए नीतियों में बदलाव की जरूरत है? यह सवाल अब शिक्षा नीति निर्माताओं और समाज के सामने है।