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कसबा गैंगरेप : अभियुक्तों के वकीलों ने जमानत के लिए नहीं किया आवेदन

कोलकाता : कसबा के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैगरेप मामले में गिरफ्तार तीन अभियुक्तों की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार को उन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई शुरू हुई तो घटना में गिरफ्तार मुख्य आरोपित और उसके साथियों के वकील ने अपने मुवक्किलों के लिए जमानत की अर्जी नहीं लगाई। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तीन अभियुक्तों को 8 जुलाई और सुरक्षा गार्ड को 4 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

अभियुक्तों के वकील ने जज के सामने साफ कर दिया कि वे जांच में सहयोग करने के लिए जमानत नहीं मांग रहे हैं। हालांकि पूछताछ के दौरान उन्होंने वकील दिए जाने का अनुरोध किया। बात यहीं खत्म नहीं हुई, उन्होंने वकील को घटनास्थल पर जाने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने विस्फोटक आरोप लगाए।

अभियुक्तों के वकील ने घटना को साजिश बताया

अभियुक्तों के वकील ने कहा कि यह साजिश है। एफआईआर पढ़ने पर यह गैंगरेप जैसा नहीं लगता। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या पीड़िता का मोबाइल फोन जब्त किया गया था। अगर जब्त किया गया था, तो क्या उसका मोबाइल फोन फॉरेंसिक विभाग को भेजा गया था? वे यह भी जानना चाहते हैं कि सभी आरोपितों की कॉल डिटेल ली गई थी या नहीं। हालांकि सरकारी वकील सौरिन घोषाल ने घटनाक्रम के बाद जवाबी सवाल किये। उनका कहना है कि हम दोबारा घटनास्थल पर जाएंगे। मेडिकल साक्ष्य, डिजिटल साक्ष्य और आसपास के साक्ष्यों का मिलान किया जा रहा है। सभी साक्ष्य मेल भी खा रहे हैं। आरोप है कि कॉलेज में युवती को प्रताड़ित किए जाने के दौरान वह बीमार पड़ गई। आरोप है कि उस समय तीनों आरोपितों में से एक ने कॉलेज के बगल में स्थित दवा की दुकान से इनहेलर खरीदा। पीड़िता को इनहेलर देने के बाद दुष्कर्म किया गया। कोर्ट में पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि इनहेलर लाने का उद्देश्य क्या था? इसके बाद उन्होंने गिरफ्तार लोगों को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया। पुलिस ने दावा किया कि पीड़िता को ठीक होने के लिए इनहेलर नहीं दिया गया था। उसे स्वस्थ होने पर प्रताड़ित करने के लिए इनहेलर दिया गया था। दूसरी ओर पुलिस ने इस घटना में एक सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि उसके वकील ने भी जमानत के लिए आवेदन नहीं किया। उनका दावा है कि गार्ड की शक्ति सीमित है। अदालत को उसकी भूमिका की जांच करनी चाहिए और उचित आदेश जारी करना चाहिए। गार्ड और अन्य अभियुक्तों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने की जरूरत है। कुछ अन्य लोग सीसीटीवी में देखे गए हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त और उसके दो साथियों को 8 जुलाई तक और सुरक्षा गार्ड को 4 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया।

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