
डिंडोरी में मीडिया पर प्रतिबंध, पत्रकारों का विरोध—‘आपातकाल जैसी स्थिति’
डिंडोरी (म.प्र.)। डिंडोरी कलेक्टर द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश ने जिले में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। जारी आदेश में कलेक्टर कार्यालय परिसर में चार या अधिक व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही बिना अनुमति धरना, प्रदर्शन, रैली और यहां तक कि पत्रकारों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई थी।
इस आदेश का पत्रकार संगठनों और मीडिया प्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। विरोध के चलते प्रशासन को संशोधित आदेश जारी करने पड़े, लेकिन असंतोष अब भी बरकरार है।
विरोध कर रहे पत्रकारों का कहना है कि यह स्थिति ठीक वैसी ही है जैसी आपातकाल के दौर में देखी गई थी। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को लागू हुए आपातकाल को जिस भाजपा ने दशकों तक देश के ‘सबसे काले दिन’ कहकर प्रचारित किया, उसी भाजपा सरकार के अधीन डिंडोरी जिले में मीडिया पर प्रतिबंध लगाकर वही आपातकालीन हालात दोहराए जा रहे हैं।
ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन ने इस आदेश की घोर निंदा करते हुए कहा है कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाए गए किसी भी अंकुश का विरोध करती है और ऐसे आदेशों को तानाशाही की शुरुआत मानती है।
पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि आदेश पूरी तरह से वापस नहीं लिया गया तो राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।