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पहले 362 थी दिहाड़ी, अब तीन रुपये बढ़ा जले पर छिड़का नमक डेलीवेज मजदूरों की दशा दयनीय, वीवीएमवी मजदूरों की मांग, सेंटर रेट व सम्मानजनक जीवन का दिया जाए अधिकार



नंगल भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड की भाखड़ा बांध परियोजना में वर्षों से सेवाएं दे रहे डेलीवेज मजदूर आज भी मात्र 362 रुपये की दिहाड़ी पर काम करने को मजबूर हैं। 1997 से लेकर अब तक सैकड़ों मजदूर बी बी एम वी की ड्रेन, नालों व जंगली बूटी की सफाई जैसे अत्यंत कठिन कार्य कर रहे हैं, परंतु उन्हें ना तो सम्मानजनक वेतन मिलता है और ना ही बीमारियों या चोट के समय इलाज की सुविधाएं। बी बी एम बी मजदूर भलाई संगठन के बयान संजीव कुमार, दविंदर कुमार, जोगिंदर कुमार, सनी कुमार, रवि कुमार, सुनील कुमार व राममिलन ने नंगल में गंदे नाले की सफाई के लिए पसीना बहा रहे डेलीबेज मजदूर सौ सावं बताया कि उन्हें हर रोज खतरनाक और गंदगी भरे वातावरण में काम करना पड़ता है, लेकिन उनके प्रति
बी बी एम वी प्रशासन का रवैया अत्यंत उदासीन बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस महीने मात्र तीन रुपये की बढ़ौतरी कर 365 रुपये दिहाड़ी कर दी गई है, जो पूरी तरह मजाक व अन्याय के समान है। इतने कम वेतन में उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है।स्वमाजिक सुरक्षा बुरी तरह से प्रभावित है। उन्हें लगभग 9,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है, जो कटौती के बाद और भी कम रह जाता है। यदि कोई बीमार हो जाए, तो इलाज के लिए भी वे सक्षम नहीं होते। यह भी एक अन्याग के समान है कि बो बी एम बी अस्पताल में भी इन मजदूरों के साथ गैर कर्मचारी जैसा व्यवहार किया जाता है। उन्हें पर्ची कटवाकर इलाज कराना पड़ता है
महंगी बाहरी दवाइयां और टेस्ट करवाने को कहा जाता है, जो उनकी सामर्थ्य से बाहर है। मजदूरों ने आरोप लगाया कि बी बी एम बी प्रशासन वर्षों से उनकी मांगों को नजरअंदाज करता आ रहा है। ना उन्हें रेगुलर किया गया और ना ही कांट्रेक्ट पर रखा गया, जबकि वे सालों से लगातार सेवाएं दे रहे हैं।
संगठन ने प्रशासन से मांग की है कि जब तक उन्हें रेगुलर नहीं किया जाता, तब तक उन्हें कांट्रैक्ट आधार पर लिया जाए व केंद्र सरकार के तयशुदा न्यूनतम वेतन के अनुसार 'सेंटर रेट' प्रदान किया जाए, ताकि वे सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सकें।

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