
केंद्र सरकार द्वारा छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में कोई परिवर्तन नहीं
बचत योजनाओं के ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं
केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरों को नहीं बदलने का निर्णय लिया है.
इससे अभी तक आपको जितनी भी ब्याज दरें मिल रही थीं, उतनी ही आगे भी मिलती रहेंगी.
सरकार का उद्देश्य इन योजनाओं के प्रति लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित करना है.
बता दें कि इन योजनाओं को विशेषकर छोटे निवेशकों के अलावा वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं व ग्रामीण इलाकों के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
इन योजनाओं में निवेश पर सरकार एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करती है, जो तिमाही आधार पर तय की जाती है.
इसमें
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC),
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस)
और पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
जैसी योजनाएं शामिल हैं. इस बारे में निर्णय वित्त मंत्रालय द्वारा 30 जून 2025 को जारी एक अधिसूचना में लिया गया. इसके मुताबिक ये दरें पिछले तिमाही के समान ही रहेंगी.
प्रमुख योजनाएं व उनकी ब्याज दरें
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर, जो लड़कियों की शिक्षा और विवाह के लिए है.
पीपीएफ (PPF): 7.1 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर, जो लंबे समय की बचत के लिए लोगों की पसंद है.
किसान विकास पत्र (KVP): 7.5 प्रतिशत की ब्याज दर के जरिए 115 महीनों में निवेश को दोगुना करने का वादा किया जाता है.
एससीएसएस(SCSS): 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित निवेश का बेहतर विकल्प है.
महिला सम्मान बचत पत्र: 7.5 प्रतिशत की ब्याज दर, इसे महिलाओं के लिए विशेष रूप से बनाया गया है.
एनएससी (NSC): 7.7 प्रतिशत की ब्याज दर, जो मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए अच्छी है.
पोस्ट ऑफिस एफडी (FD): 1 से 5 वर्ष के समय के लिए 6.9 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत तक की ब्याज दरें प्रदान करती है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय के द्वारा हर तिमाही में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है.
इसके बाद सरकारी बॉन्ड यील्ड और आर्थिक परिस्थितियों पर आधारित होती है. खास बात यह है कि यह लगातार छठी तिमाही है जब इन योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.
जानकारों का कहना है कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिरता, मुद्रास्फीति के स्तर, और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के कारण ब्याज दरों में परिवर्तन की जरूरत नहीं पड़ी.
वहीं स्थिर ब्याज दरें निवेशकों को निश्चितता प्रदान करती हैं, विशेषकर उन लोगों को जो जोखिम उठाए बिना निवेश को प्राथमिकता देते हैं.